किसान की अनुमति के बिना अब नहीं होगा फसल बीमा, बैंकों को निर्देश जारी
प्रधान मंत्री फसल बीमा इस बार किसान के बिना परमिशन के नहीं कटेगा। इसके लिए विभाग ने सभी बैंकों को आदेश जारी कर दिए है। इस योजना में किसानों को सरकार ने इस बार स्वैच्छिक किया है।
सोनू थुआ, कैथल: प्रधान मंत्री फसल बीमा इस बार किसान के बिना परमिशन के नहीं कटेगा। इसके लिए विभाग ने सभी बैंकों को आदेश जारी कर दिए है। इस योजना में किसानों को सरकार ने इस बार स्वैच्छिक किया है।
इसके तहत किसान अपनी भलाई, अपना कल्याण और अपनी आजीविका की सुरक्षा के लिए फसल बीमा करवा सकते हैं। वहीं जो भी ऋणी किसान अपना बीमा नही करवाना चाहते है, वे 24 जुलाई तक अपने बैंक में जाकर फार्म भरकर इस योजना को बंद करवा सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले 2016 में इस फसल बीमा योजना को शुरू किया गया है, लेकिन किसान के खाते से बैंक अपनी मनमर्जी से पैसे काट लेता था। इसके बाद किसानों ने इस स्कीम के विरोध में किसानों ने सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन किए थे।
ये था योजना के उद्देश्य-
प्राकृतिक आपदा, कीड़े और रोग की वजह से सरकार द्वारा अधिसूचित फसल में से किसी नुकसान की स्थिति में किसानों को बीमा कवर और वित्तीय सहायता देना। किसानों की खेती में रुचि बनाये रखने के प्रयास एवं उन्हें स्थायी आमदनी उपलब्ध कराना। किसानों को कृषि में इन्नोवेशन एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना। कृषि क्षेत्र में ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। भारत सरकार ने प्राकृतिक आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान से किसानों को राहत देने के लिए साल 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आरंभ की थी। सरकार की विकास नीति व योजना के कार्यान्वयन के चलते इस योजना में समय-समय पर उचित बदलाव भी किये गए। इस योजना में बहुत कम प्रीमियम पर किसानों को फसल बीमा मुहैया करवाया जाता है। प्रीमियम का शेष हिस्सा भारत सरकार प्रदान करती है और राज्य सरकारें भी इसमें योगदान करती हैं।
फसल बीमा अवश्य कराएं किसान
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक कर्मचंद ने बताया कि खरीफ-2020 सीजन से इस योजना को किसानों के लिए स्वैच्छिक कर दिया गया है। किसान अपनी मनमर्जी से बीमा करवा सकता है। उन्होंने किसानों से अपील कि है कि अपनी भलाई, अपनी आजीविका की सुरक्षा के लिए फसल बीमा अवश्य करवाएं। यह संकट काल में किसानों के लिए वरदान साबित होता है। बिना बीमा के प्राकृतिक आपदा में मुआवजा नहीं दिया जाएगा।