रैन बसेरा में सुविधाओं के नाम पर की जा रही खानापूर्ति
शहर में बनाया गया रैन बसेरा कहां स्थित हैं, लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। कारण है इनका रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से दूर होना। रात के समय बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की ओर से आने वाले लोगों को अगर रैन बसेरों में ठहरना पड़ जाए तो पहले उनको कई जगह इनका पता पूछना पड़ता है। अगर एकाध व्यक्ति पूछताछ करते हुए इन रैन बसेरा तक पहुंच भी जाता है तो वहां सुविधाओं के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही हो रही है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
शहर में बनाया गया रैन बसेरा कहां स्थित हैं, लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। कारण है इनका रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से दूर होना। रात के समय बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की ओर से आने वाले लोगों को अगर रैन बसेरों में ठहरना पड़ जाए तो पहले उनको कई जगह इनका पता पूछना पड़ता है। अगर एकाध व्यक्ति पूछताछ करते हुए इन रैन बसेरा तक पहुंच भी जाता है तो वहां सुविधाओं के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही हो रही है।
अब तक शहर में दो जगहों पर रैन बसेरे बनाए गए हैं। उनमें से एक खनौरी रोड स्थित महर्षि वाल्मीकी सामुदायिक केंद्र और दूसरा है चंदाना गेट स्थित सैनी धर्मशाला। सामुदायिक केंद्र के रैन बसेरे की देखरेख नगर परिषद के अधीन है, जबकि चंदाना गेट पर शहर की सामाजिक संस्थाएं अस्थाई बसेरा बनवाई है।
सामुदायिक केंद्र का रैन बसेरा
बना मजदूरों का बसेरा :
महर्षि वाल्मीकि सामुदायिक केंद्र में नगर परिषद की ओर से बनाए गए बसेरे में सफाई का कोई खास प्रबंध नहीं है। समय पर झाडू तक नहीं लगाया जा रहा। इसके साथ ही लोहे और स्टील से बसेरे की बि¨ल्डग तैयार की जा रही है। इसके निर्माण कार्य में जुटे मजदूर ही इस समय रैन बसेरे में रह रहे हैं। यहां रात के समय ठहरने वालों के लिए मात्र 15 गद्दे और 15 रजाईयां हैं। केवल तीन तख्त और तीन फो¨ल्डग हैं। रात को ठहरने वाले लोगों की संख्या ज्यादा होने पर समस्या पैदा हो जाती है।
अस्थाई बसेरे में बोर्ड तक नहीं :
चंदाना गेट पर बने रैन बसेरे के बाहर बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। जिन कमरों में लोग रात को ठहरते हैं, वहां न तो कोई फो¨ल्डग है और न ही रजाइयां या फिर गद्दे हैं। इस बार शहर की सामाजिक संस्थाएं भी बेसहारा लोगों को सहारा देने में सुस्त दिखाई दे रही हैं। लोगों के ठहरने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है।
बैठकर रात काटते परीक्षा देने आए युवा :
सरकारी की ओर से कैथल में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए केंद्र बनाए जाते हैं। परीक्षा के दौरान दूर-दराज के क्षेत्र से आने वाले परीक्षार्थी समय कम होने के कारण रात को यहीं ठहरते हैं। संख्या ज्यादा होने के कारण उन्हें रैन बसेरे में बने तीन कमरों में बैठकर रात काटनी पड़ रही है। ऐसे में सुविधाओं का अभाव यहां मजबूरी में आने वाले लोगों पर भी भारी पड़ रहा है।
निरीक्षण कर जुटाई जाएगी सुविधाएं : एमई
नगर परिषद के एमई राजकुमार ने बताया कि खनौरी रोड पर रैन बसेरे के लिए अलग से निर्माण कार्य चल रहा है, जो 15 दिन तक पूरा हो जाएगा। इस समय सामुदायिक केंद्र में बने रैन बसेरे की देखरेख के लिए कर्मचारी लगाया गया है, लेकिन फिर भी कोई समस्या है तो मौके का निरीक्षण किया जाएगा और सफाई व अन्य सुविधाएं जुटाई जाएंगी।