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वाट्सएप ग्रुप से हुआ जाली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश

पानीपत से चोरी की गई मोटरसाइकिल के साथ पकड़े गए कठवाड़ गांव निवासी विजयपाल उर्फ विजय के वाट्सएप ग्रुप ने नकली नोट छापकर मार्केट में चलाने वाले आरोपितों का पर्दाफाश कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 09:40 AM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 09:40 AM (IST)
वाट्सएप ग्रुप से हुआ जाली नोट  छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश
वाट्सएप ग्रुप से हुआ जाली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश

सुरेंद्र सैनी, कैथल : पानीपत से चोरी की गई मोटरसाइकिल के साथ पकड़े गए कठवाड़ गांव निवासी विजयपाल उर्फ विजय के वाट्सएप ग्रुप ने नकली नोट छापकर मार्केट में चलाने वाले आरोपितों का पर्दाफाश कर दिया। सीआइए वन पुलिस ने जब आरोपित को पकड़ा तो उसकी जेब से 500-500 के 40 नकली नोट बरामद हुए।

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इसके बाद पुलिस ने आरोपित का वाट्सएप खंगाला गया तो नकली नोटों को लेकर बातचीत आरोपितों के बीच हुई मिली। मार्केट में कितने नकली नोट आरोपित अब तक चला चुके हैं, इसे लेकर पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। आरोपित घर में ही एक मशीन पर नोट स्कैन करने के बाद फर्जी नोट तैयार करते थे। इसके बाद मार्केट में भीड़भाड़ वाली जगह को देख असली नोटों में डालकर इन नोटों को चला देते थे।

पुलिस के लिए सुखद

एक के बाद एक तीन एटीएम उखाड़ने के मामलों ने पुलिस को खुद के ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। जाली नोट छापने वाले गिरोह को पकड़कर पुलिस ने निश्चित तौर पर एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इससे अन्य मामलों में उसका मनोबल तो बढ़ेगा ही।

नकली नोट मामले को लेकर एनआइए को दी सूचना

सीआइए वन पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए नकली नोट छापने वाले आरोपितों ने छह माह पहले ही यह धंधा शुरू किया था। पहले ट्रायल के तौर पर आरोपितों ने दो से तीन हजार के नोट बनाकर मार्केट में चलाए। जब सफलता मिली तो दूसरे लोगों को भी गिरोह से जोड़कर मार्केट में नकली नोट चलाने का धंधा शुरू कर दिया। आरोपित किस गांव में मशीन रखकर नोट तैयार करते थे, इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है। पुलिस इसको लेकर आरोपितों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने नकली नोट मामले को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) को सूचना दे दी है।

अगर 2डीएस-222667 सीरियल के नोट हैं तो पुलिस से करें सम्पर्क

एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि आरोपितों ने जो नकली नोट छापे हैं उन्हें देखकर ही पता लग जाता है कि ये नोट नकली हैं। नोट रगड़ने के बाद भी नोटों के असली और नकली का पता चल जाता है। अब तक कितने नोट आरोपितों ने मार्केट में खपाए हैं, इसका अभी पता नहीं चल पाया है। लोगों से अपील है कि अगर 2डीएस-222667 सीरियल के कोई नोट उनके पास हैं तो इस बारे में एसपी कार्यालय में संपर्क करते हुए इसकी जानकारी दें। गिरोह को पकड़ने वाली पुलिस टीम को भी एसपी ने बधाई दी है।

जिले में नोटबंदी के बाद नकली

नोट का पहला मामला

नोटबंदी के बाद जिले में नकली नोट छापने का यह पहला मामला है। इससे पहले वर्ष 2013 में सीआइए पुलिस ने नकली नोट तैयार कर बेचने वाले आरोपितों को पकड़ा था। उस समय पकड़े गए आरोपित रात के समय चौक-चौराहों पर रेहड़ी लगाने वाले युवकों से सामान खरीदकर नोट चलाते थे। नकली नोट छापने वाले सभी छह आरोपित आपस में दोस्त हैं, जो एक दूसरे को काफी समय से जानते हैं। पुलिस ने सभी आरोपितों के कब्जे से नकली नोट बरामद किए हैं।


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