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मानस गांव में दो पंचायतें, दोनों की महिला सरपंच, ¨लगानुपात बढ़ाने में दिया अहम योगदान

आठ हजार की आबादी वाले गांव मानस में दो पंचायत हैं दोनों पंचायतों की कमान महिला सरपंचों के हाथ में है। दोनों महिला सरपंचों ने गांव के ¨लगानुपात को बढ़ावा अहम योगदान दिया है। वर्ष 2017 में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 1500 थी जबकि इस वर्ष भी ¨लगानुपात एक हजार से ज्यादा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 10:05 AM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 10:05 AM (IST)
मानस गांव में दो पंचायतें, दोनों की महिला सरपंच, ¨लगानुपात बढ़ाने में दिया अहम योगदान

जागरण संवाददाता, कैथल : आठ हजार की आबादी वाले गांव मानस में दो पंचायत हैं, दोनों पंचायतों की कमान महिला सरपंचों के हाथ में है। दोनों महिला सरपंचों ने गांव के ¨लगानुपात को बढ़ावा अहम योगदान दिया है। वर्ष 2017 में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 1500 थी, जबकि इस वर्ष भी ¨लगानुपात एक हजार से ज्यादा है। पिछले साल गांव में बढ़े ¨लगानुपात को लेकर जिला प्रशासन ने पंचायतों को सम्मानित किया था। दोनों सरपंच पढ़-लिखी हैं। जहां भाल पट्टी पंचायत की सरपंच रुपेश देवी 12वीं पास है, वहीं मानस पट्टी की सरपंच मुकेश देवी बीएड व एमए पास है। गांव में वर्ष 2016 में महिला महापंचायत का आयोजन हुआ था। इसमें सर्व जातीय सर्व खाप महिला महापंचायत की राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष दहिया ने महिलाओं को संबोधित किया था। बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, शराब बंदी, बेटियों की शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया था। इसी का परिणाम है कि गांव में न केवल लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या बढ़ी, बल्कि काफी हद तक शराब बंदी पर भी रोक लगी।

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सरपंच मुकेश देवी ने कहा कि गांव में ¨लगानुपात बढ़ने पर काफी खुशी है। सरकार व प्रशासन की तरफ से बेटी-बचाओ-बेटी पढ़ाओ को लेकर चलाई जा रही मुहिम के प्रति लोगों को जागरूक किया। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व ग्रामीणों का इसमें भरपूर सहयोग मिला। बाक्स-

फुटबाल में बेटियां चमका रही गांव का नाम

गांव में काफी लड़कियां फुटबाल खेलती हैं। बेटियों ने न केवल राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि इंटरनेशनल स्तर पर भी फुटबाल में गांव का नाम चमकाया है। फुटबाल के खेल में बेटियों की उपलब्धि को देखते हुए सरकार ने यहां महिला फुटबाल खेल नर्सरी खोली, हालांकि खेल स्टेडियम की कमी खिलाड़ियों को खल रही है। बेटियां गांव के स्कूल में ही खेलों का अभ्यास करती हैं। -------------


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