जलियांवाला बाग हत्याकांड में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
पंजाबी वेलफेयर सभा की ओर से शहीद मदन लाल ढींगडा स्मारक पर जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100वें वर्ष पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। सभा के सभी सदस्य अमर शहीद मदन लाल ढींगडा स्मारक पर एकत्रित हुए।
जागरण संवाददाता, कैथल : पंजाबी वेलफेयर सभा की ओर से शहीद मदन लाल ढींगडा स्मारक पर जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100वें वर्ष पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। सभा के सभी सदस्य अमर शहीद मदन लाल ढींगडा स्मारक पर एकत्रित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता सभा के प्रधान राजकुमार मुखीजा ने की। राजकुमार ने बताया कि जलियांवाला बाग की 100 साल पूरे हो चुके हैं। साल 1919 में अमृतसर में हुए इस नरसंहार में हजारों लोग मारे गए थे।
यह हत्याकांड ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्याय है। 13 अप्रैल 1919 को अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में मौजूद भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थी। एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 1500 से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे।
इस मौके पर सुषम कपूर ने कहा कि जनरल डायर रॉलेट एक्ट का बहुत बड़ा समर्थक था। उसे इसका विरोध मंजूर नहीं था। वर्ष 1920 में डायर को इस्तीफा देना पड़ा था। हत्याकांड का बदला लेने के लिए 13 मार्च 1940 को उधम सिंह लंदन गए, जहां डायर को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। इस मौके पर इंद्रजीत सरदाना, तुलसीदास सचदेवा, अर्जुन लाल गेरा, लख्मी दास खुराना, सीता राम गुलाटी, नरेंद्र निझावन, महेश दुआ, मदन लाल, मनमोहन, सुधीर मदान मौजूद थे।