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ई-प्रणाली के विरोध में बंद रही मंडी, आढ़तियों ने किया प्रदर्शन

सरकार की ऑनलाइन खरीद का विरोध करते हुए आढ़तियों ने बुधवार को अनाज मंडी में हड़ताल करते हुए कामकाज ठप रखा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 10:38 AM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 10:38 AM (IST)
ई-प्रणाली के विरोध में बंद रही मंडी, आढ़तियों ने किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, कैथल :

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सरकार की ऑनलाइन खरीद का विरोध करते हुए आढ़तियों ने बुधवार को अनाज मंडी में हड़ताल करते हुए कामकाज ठप रखा। इस दौरान आढ़तियों ने एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा कि ई-प्रणाली को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर यह व्यवस्था लागू होती है तो आढ़तियों को गेहूं के सीजन के दौरान काफी दिक्कत आएगी। इस प्रणाली से उठान में देरी होगी और मंडियों में जाम की स्थिति रहेगी।

उन्होंने कहा कि वर्षो से आढ़ती ही किसानों का बैंक रहा है, ऐसे में सीधी किसानों के खाते में पैमेंट जाएगी तो जरूरत पड़ने पर किसानों को काफी दिक्कत आएगी। किसी भी प्रदेश में यह योजना लागू नहीं है, लेकिन सरकार हरियाणा में इसे लागू कर व्यापारियों को परेशान करने का काम कर रही है। आढ़तियों ने कहा कि यदि सरकार ने अपने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो आढ़ती सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे। कैथल शहर की दोनों मंडियों में 800 के करीब लाइसेंस हैं।

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ई-प्रणाली के लिए तैयार नहीं मंडी

आढ़ती जगदीश कुमार, रामपाल, ज्ञानचंद, राजेश कुमार, बंटी मित्तल, रामनिवास मित्तल, शमशेर ने कहा कि ई-प्रणाली को लेकर मंडी तैयार नहीं है। आढ़तियों के पास संसाधनों का अभाव है। इस प्रणाली के तहत काम करने के लिए आढ़तियों को कंप्यूटर का ज्ञान होना जरूरी है, लेकिन आढ़तियों को कंप्यूटर ही चलाना नहीं आता। किसी दूसरे व्यक्ति को इसके लिए रखना पड़ेगा। वहीं ऑनलाइन खरीद के धीमे कार्य से उठान भी प्रभावित होगा।

इस बार 15 अप्रैल के बाद मंडी में गेहूं का आवक शुरू हो जाएगी। एक सप्ताह में ही मंडी गेहूं से अट जाएगी, यदि पहले की प्रक्रिया के अनुसार उठान नहीं हुआ तो जाम की स्थिति बनेगी। इससे आढ़तियों व किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए सरकार ऑनलाइन खरीद के फैसले को वापस ले।

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लाइसेंस रिन्यू न होने से भी आढ़तियों में रोष

आढ़तियों ने कहा कि लाइसेंस रिन्यू का मुद्दा मंडी आढ़तियों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। 400 के करीब लाइसेंस रिन्यू होने हैं, लेकिन जो शर्ते लगाई हुई हैं, वे पूरी नहीं होने के कारण आढ़तियों को अपने रोजगार की चिता सताने लगी है। आढ़तियों ने कहा कि कैथल मंडी में ही यह दिक्कत आ रही है, अन्य मंडियों में ऐसी कोई परेशानी नहीं है। दूसरी मंडियों में जब लाइसेंस तीन साल के लिए बनते हैं तो यहां एक साल के लिए क्यों बनाया जा रहा है। यदि इस समस्या को दूर नहीं किया गया तो आढ़ती बृहस्पतिवार से मार्केट कमेटी कार्यालय में अनिश्चित कालीन धरना शुरू करेंगे।

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सीजन के लिए मंडी भी नहीं तैयार

गेहूं सीजन को लेकर अनाज मंडी में तैयारियां भी अधूरी हैं। मार्केट कमेटी कार्यालय के साथ लगते व मंडी के अंदर सीवरेज पूरी तरह से ओवरफ्लो हो गया है। इस कारण गंदा पानी मंडी में जमा हो रहा है। आढ़तियों ने बताया कि इस तरफ मार्केट कमेटी अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन प्रबंध अधूरी हैं। करोड़ों रुपये का बजट सफाई, पीने का पानी, सीवरेज व अन्य प्रबंधों पर खर्च होता है, लेकिन फिर भी सुविधा कम समस्या ज्यादा है।

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15 अप्रैल को करनाल मंडी में

होगी राज्य स्तरीय बैठक

जिला आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान अश्विनी शोरेवाला ने कहा कि ई-प्रणाली को लेकर आढ़तियों में रोष है। सरकार जबरदस्ती आढ़तियों पर इस फैसले का थोपना चाहती है, लेकिन आढ़ती इसे स्वीकार नहीं करेंगे। 15 अप्रैल को आढ़तियों ने करनाल अनाज मंडी में बैठक करने का फैसला लिया है। प्रदेशभर की मंडियों से आढ़ती भाग लेंगे। इस दिन विचार-विमर्श कर आगामी फैसला लिया जाएगा।


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