राजौंद अनाज मंडी में गेहूं का उठान नहीं होने से आढ़ती परेशान
राजौंद अनाज मंडी में गेहूं का उठान न होने से किसानों व आढ़तियों में रोष है। राजौंद अनाज मंडी के तहत किठाना जाखौली सेरधा व राजौंद में चार लाख 53 हजार 90 क्विटल गेहूं की खरीद हो चुकी है लेकिन अभी तक 71 हजार क्विटल का उठान हो पाया।
संवाद सहयोगी, राजौंद: राजौंद अनाज मंडी में गेहूं का उठान न होने से किसानों व आढ़तियों में रोष है। राजौंद अनाज मंडी के तहत किठाना, जाखौली, सेरधा व राजौंद में चार लाख 53 हजार 90 क्विटल गेहूं की खरीद हो चुकी है, लेकिन अभी तक 71 हजार क्विटल का उठान हो पाया। आढ़ती माते राम, भीम सिंह, राजेश राणा, सुभाष, दीपक, मंडी प्रधान महीपाल राणा ने बताया कि अभी तक माल की उठान वाली मांग को सरकार ने पूरा नहीं किया है। किसानों के खाते में 72 घंटों में पेमेंट नहीं आई है। इसे लेकर किसान भी परेशान हो चुके हैं। दूसरा मौसम में आए दिन उठा पाठक के कारण खुले में पड़े गेहूं के कट्टों को लेकर आए दिन चिता बढ़ रही है। उन्होंने प्रशासन व सरकार से मांग करते हुए कहा कि मंडी में खरीदे गए गेहूं के स्टॉक को जल्द से जल्द उठवाया जाए। ताकि आढ़तियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
पूंडरी अनाज मंडी की साइलो गोदामों में गई गेहूं की पेमेंट अटकी
संवाद सहयोगी, पूंडरी: अनाज मंडी पूंडरी के आढ़तियों के साइलो गोदामों में गए लगभग 7.50 लाख गेहूं के कट्टों की पेमेंट आइ फार्म जरनेट न होने की वजह से अटक गई है। मंडी में पहली खरीद सात अप्रैल से हुई थी और दस दिन बीत जाने के बाद भी एक पैसे की पेमेंट नहीं हुई है। जिसके चलते आढ़तियों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है और किसानों के लिए जो खर्च आदि के लिए पैसों का बंदोबस्त करना आढ़तियों के लिए चुनौती बनता जा रहा है। जबकि मंडी से तीन दिन पहले जिन खरीद एजेंसियों ने गेहूं खरीद किया है वो पेमेंट कर रही है। मंडी फूडग्रेन डीलर एसोसिएशन के प्रधान ध्यानचंद ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि पेमेंट को लेकर वे खरीद एजेंसियों के उच्चाधिकारियों से लेकर मार्केटिग बोर्ड के अधिकारियों व डीसी कैथल से बात कर चुके हैं। सभी अधिकारियों का एक ही बहाना है कि साइलो में गए गेहूं का वजन क्विंटल से ऊपर किलोग्राम में होने की वजह से पोर्टल पर आइ फार्म जरनेट नहीं हो रहे है। जिसके चलते पेमेंट की अदायगी नहीं हो पा रही है। ये जनरेट करना और ऑनलाइन सिस्टम को ठीक करना सरकार व एजेंसियों का काम है। सीजन शुरू होने से पहले सरकार को पुख्ता प्रबंध करके रखने चाहिए थे। अब सीजन में किसानों की जरूरतें पुरी करवाने के लिए पैसा कहां से लेकर आएं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शीघ्र ही पेमेंट की अदायगी नहीं हुई तो वे मंडी से साइलो में एक दाना भी गेहूं नहीं भेजेंगे।
वर्जन
डीएफएससी और हैफेड का तालमेल न होने के कारण पेमेंट नहीं हो रहा है। दोनों एजेंसी के अधिकारी बोलते हैं कि उनके द्वारा खरीद किए गए गेहूं उनके खाते में चला गया, दूसरी एजेंसी बोलती है कि हमारा उनके खाते में चला गया है। हमने कई बार अधिकारियों को बोल दिया है कि वे तालमेल बनाकर सही आंकड़ें उन्हें दे दें, हम तुरंत पेमेंट कर देंगे। हमारी तरफ से कोई ढील नहीं है, लेकिन दोनों एजेंसी के अधिकारी बार-बार बोलने के बाद भी अपने आंकड़ें नहीं दे रही।
- अजय शर्मा, मैनेजर एग्रो अदानी साइलो गोदाम सोलूमाजरा।
तकनीकी खराबी होने के कारण पेमेंट नहीं हो रही है। साइलो गोदामों में जो गेहूं जा रहा है उसका वजन क्विंटल, किलोग्राम व ग्राम में होने की वजह से पोर्टल पर जनरेट नहीं हो पा रहा है और आढ़तियों से भी खरीद के आइ फार्म नहीं आ रहे हैं। रही बात साइलो द्वारा पेमेंट करने की तो गेहूं खरीद की पेमेंट से साइलो का कोई वास्ता नहीं है। किसान से विभाग द्वारा पेमेंट की जानी है और विभाग एफसीआइ को गेहूं दे रहा है।
- कुलदीप सिंह निरीक्षक डीएफएससी पूंडरी।