Move to Jagran APP

मार्केट कमेटी सचिव की मनमानी से भड़के आढ़ती, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए

नई अनाज मंडी में मार्केट कमेटी सचिव दीपक कुमार के रवैये से खफा होकर आढ़ती अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। उनका आरोप है कि सचिव की मनमानी के कारण धान की खरीद नहीं हो पा रही है। उधर सचिव दीपक कुमार का कहना है कि मंडी से बाहर जो दुकानों पर धान डाला गया है वह उसकी बोली नहीं करवाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 06:41 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 06:41 AM (IST)
मार्केट कमेटी सचिव की मनमानी से भड़के आढ़ती, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए

जागरण संवाददाता, कैथल : नई अनाज मंडी में मार्केट कमेटी सचिव दीपक कुमार के रवैये से खफा होकर आढ़ती अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। उनका आरोप है कि सचिव की मनमानी के कारण धान की खरीद नहीं हो पा रही है। उधर, सचिव दीपक कुमार का कहना है कि मंडी से बाहर जो दुकानों पर धान डाला गया है, वह उसकी बोली नहीं करवाएंगे। मंडी धान से अटी होने के कारण किसानों को मजबूरन मंडी से बाहर धान डालना पड़ रहा है। वहीं मंडी में न तो गेट पास कट रहे हैं और न ही उठान हो रहा है। गेट पास के लिए मैसेज तक नहीं मिल रह हैं। इस कारण किसानों को फसल बेचने में दिक्कत आ रही है। कई-कई दिनों से धान लेकर बैठा किसान फसल की रखवाली करने को मजबूर हो रहा है।

loksabha election banner

अधिकारियों के रवैये से

सीजन हो रहा प्रभावित

पीआर धान की खरीद को लेकर मंडियों में आ रही दिक्कतों का समाधान न होने से खफा आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं। आढ़तियों का आरोप है कि मार्केट कमेटी सचिव और एसडीएम उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जब व्यापारियों के साथ बैठक करते हैं तब तो उनकी और बात होती है, जब किसानों के साथ बैठक करते हैं तो व्यापारियों के साथ हुई वार्ता को लेकर मुकर जाते हैं। अधिकारियों के इस रवैये के कारण ही आढ़तियों को काफी नुकसान हो रहा है। मंडियों में न तो गेट पास कट रहे हैं और न ही मैसेज किसानों को मिल रहे हैं। उन किसानों को मैसेज मिल रहे हैं, जिनकी फसल कटी नहीं। जो किसान मंडियों में धान लेकर आ रहे हैं, उनके मैसेज ही नहीं आए हैं। इस तरह से किसान कैसे धान बेचेगा। दूसरी तरफ किसानों को कहा जा रहा है 25 से 30 क्विंटल धान लेकर ही मंडी में आए। अब 60 क्विंटल प्रति एकड़ धान खेत में निकल रही है। शेष धान को लेकर किसान कहा जाएगा। तरह-तरह के नियम थोपकर किसानों और आढ़तियों को परेशान किया जा रहा है।

छह में से चार गेट बंद

नई अनाज मंडी में छह में से चार गेटों को बंद किया हुआ है। इस कारण किसानों और आढ़तियों को दिक्कत आ रही है। गेट बंद होने के कारण मंडी में जाम की स्थिति बनी हुई है। आढ़तियों का कहना है कि सीजन में तो गेट खोलने चाहिए, लेकिन यहां तो उल्टा हो रहा है। गेट बंद कर अधिकारी क्या साबित करना चाहते हैं।

हड़ताल पर गए आढ़ती

नई अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान कृष्ण मित्तल ने कहा कि मार्केट कमेटी सचिव के गलत रवैये के कारण आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं। सचिव का कहना है कि वह मंडी से बाहर पड़ी धान की बोली नहीं करवाएंगे। मंडी धान से अटी पड़ी है। किसान कहां धान डालेगा। जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

नियमों के खिलाफ नहीं करेंगे काम

मार्केट कमेटी सचिव दीपक कुमार ने बताया कि सरकार के नियम अनुसार मंडी में काम हो रहा है। आढ़ती नियमों के खिलाफ काम करवाना चाहते हैं, जो वह नहीं करेंगे।

पुरानी अनाज मंडी प्रधान बोले : हमारी मंडी नक्शे में नहीं क्या

जासं, कैथल : पुरानी अनाज मंडी में धान सीजन को लेकर आ रही दिक्कतों के चलते एसोसिएशन प्रधान श्याम बहादुर खुरानिया ने एसडीएम संजय कुमार से बातचीत की। बोले एसडीएम साहब, हमें यह बताओ क्या पुरानी अनाज मंडी नक्शे में नहीं है। तीन दिनों से मंडी धान से अटी हुई है। कोई खरीद नहीं हो रही और न ही कोई उठान हो रहा है। गेट पास को लेकर दिक्कत आ रही है। इस पर एसडीएम ने डीएसफएसी प्रमोद कुमार को फोन कर मंडी में कर्मचारी भेजने के निर्देश दिए। इंस्पेक्टर सोमनाथ ने पुरानी मंडी का दौरा करते हुए खरीद और उठान का कार्य शुरू करवाया। खुरानिया ने बताया कि तीन दिनों के बाद अब मंडी में स्थिति सुधरी है। उठान होने से अब जगह धान डालने के लिए खाली हुई है। यह मंडी शहर के बीचों-बीच है। इस कारण यहां जाम की स्थिति रहती है, इसलिए उठान का कार्य नियमित रूप से होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.