राष्ट्रीय हैंडबाल में स्वर्ण पदक जीत जिले का नाम किया रोशन
ग्योंग के तीन खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय हैंडबाल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल कर गांव के साथ-साथ जिले व प्रदेश का नाम भी रोशन किया। खिलाड़ियों का मंगलवार को गांव में पहुंचने पर स्वागत किया गया। गांव की पंचायत और डॉ. भीमराव आंबेडकर सभा की ओर से खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने गांव से लेकर शहर तक खिलाड़ियों के साथ खुली जीप में सड़कों पर जुलूस निकाला।
जागरण संवाददाता, कैथल :
गांव ग्योंग के तीन खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय हैंडबाल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल कर गांव के साथ-साथ जिले व प्रदेश का नाम भी रोशन किया। खिलाड़ियों का मंगलवार को गांव में पहुंचने पर स्वागत किया गया। गांव की पंचायत और डॉ. भीमराव आंबेडकर सभा की ओर से खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने गांव से लेकर शहर तक खिलाड़ियों के साथ खुली जीप में सड़कों पर जुलूस निकाला। गांव के सरपंच विक्रम ¨सह ने बताया कि प्रतियोगिता का आयोजन 10 जनवरी से लेकर 14 जनवरी तक हिसार में किया गया। इसमें देशभर के विभिन्न राज्यों से चयनित टीमों ने भाग लिया।
गांव के खिलाड़ी विवेक, राहुल व नवीन ने हरियाणा की टीम की ओर से खेलते हुए फाइनल मुकाबले में दिल्ली की टीम को चार अंकों से मात दी और गोल्ड मेडल प्रदेश की झोली में डाला। जुलूस में डॉ. भीमराव आंबेडकर सभा के प्रधान दलशेर ¨सह, सचिव शिवप्रकाश, हैंडबाल एसोसिएशन के सचिव दिलावर ¨सह व गांव के युवा शामिल थे।
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प्रशिक्षकों को दिया जीत का श्रेय
खिलाड़ियों ने अपनी इस उपलब्धि पर जीत का श्रेय प्रशिक्षकों को दिया। उन्होंने कहा कि वे ज्ञानदीप स्कूल क्योड़क के हैंडबाल कोच राजेश कुमार, कैथल के हैंडबाल कोच राजेश व माता गुजरी पब्लिक स्कूल कांगथली के कोच मस्ता ¨सह की देखरेख में खेलों का अभ्यास कर रहे हैं। प्रशिक्षकों ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
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पंचायत ने की खिलाड़ियों को तीन लाख रुपये देने की घोषणा :
तीन खिलाड़ियों की इस उपलब्धि का लाभ गांव के सभी खेलों में भविष्य तलाशने वाले खिलाड़ियों को मिला। पंचायत की ओर से खिलाड़ियों के आवश्यक खेल उपकरण व अन्य प्रकार का सामान लाने के लिए तीन लाख रुपये देने की घोषणा की गई। पंचायत सदस्यों ने कहा कि भविष्य में भी पंचायत की ओर से खिलाड़ियों के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि वे खेलों का निरंतर अभ्यास करते रहें और दूसरे बच्चे भी इनसे प्रेरित हो सकें।