नवरात्र पर इस बार नवमी और अष्टमी दोनों दिन होगा कन्या पूजन
इस बार दुर्गा नवमी में ही अष्टमी का पर्व आ रहा है। इस कारण शुक्रवार और शनिवार दोनों दिन कन्या पूजन होगा। बता दें कि शुक्रवार सुबह छह बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी जो अगले दिन शनिवार को सुबह सात बजे समाप्त होगी।
जागरण संवाददाता, कैथल : इस बार दुर्गा नवमी में ही अष्टमी का पर्व आ रहा है। इस कारण शुक्रवार और शनिवार दोनों दिन कन्या पूजन होगा। बता दें कि शुक्रवार सुबह छह बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन शनिवार को सुबह सात बजे समाप्त होगी। हालांकि शनिवार को कन्या पूजन काफी उत्तम रहेगा। ढांड रोड स्थित शिव शक्ति धाम के पुजारी पंडित प्रेमशंकर शास्त्री ने बताया कि इस बार नवमी और दशमी एक साथ आ रही है। इसलिए दशहरा पर्व पर नवमी का महत्व बढ़ जाएगा। शास्त्री में बताया कि इस बार उत्तरा नक्षत्र के साथ नवमी शुरू हो रही है। ऐसे में अष्टमी पर्व का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। दुर्गाष्टमी के महत्व के अनुसार इसे ही उत्तम माना जाता है, लेकिन परिस्थिति काल में कन्याओं का पूजन किया जा सकता है। जबकि सही मायनों में दुर्गाष्टमी पर्व पर कन्या पूजन का महत्व इसी दिन है। दुर्गा नवमी के दिन ही मां का विसर्जन होता है। इस दिन मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। इसके साथ ही इस बार दशहरा पर्व पर 7.42 पर दशहरा पूजन, खड़ग पूजन का शुभ मुहूर्त है।
छठे नवरात्र पर मां कात्यायनी की श्रद्धालु कर रहे पूजा
कैथल : छठे नवरात्र पर मंदिरों में भक्त पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचे। बता दें कि सुबह और शाम के समय बड़ी देवी और छोटी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। नवरात्र पर्व को लेकर श्रद्धालुओं का काफी खासा उत्साह है। वीरवार को दुर्गा मां के दिव्य स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं ने छठा नवरात्र मनाया। इसे लेकर शहर के मंदिरों में तड़के से ही भक्तों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। मां के भक्त पूजा की थाली सजाकर मंदिरों में पहुंचे। यहां पर मां दुर्गा की ज्योति प्रज्ज्वलित की गई। इस बार कोरोना महामारी के बचाव को लेकर मंदिरों में जिला प्रशासन और सरकार की हिदायतों का पालन करने के बाद ही पूजा-अर्चना करने दी जा रही है। बड़ी देवी मंदिर में अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण यहां मुख्य द्वार पर ही तापमान जांच करने के लिए सेवादारों की ड्यूटी लगाई गई हैं। इसके साथ ही आरती के दौरान भी दो गज की दूरी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। शहर के बड़ी देवी, छोटी देवी मंदिर, श्री ग्यारह रुद्री मंदिर, शिव शक्ति धाम मंदिर और हनुमान मंदिर में भक्त पूजा करने के लिए पहुंच रहे हैं।
श्री ग्यारह रुद्री मंदिर में स्थापित मां भद्रकाली मंदिर के पुजारी हरिओम शर्मा ने बताया कि ने कहा कि मां दुर्गा का छठा स्वरूप निष्काम भक्ति को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि मां कात्यायनी की पूजा करने से इंसान के दोष व नकारात्मक विचार नष्ट हो जाते हैं। मां का ध्यान जीवन शक्ति को प्रेरित भी करता है। उससे इंसान में जीवन को प्रेम भाव से जीने का मार्ग प्रशस्त होता है। नवरात्र के पावन पर्व के दिनों में मां भगवती की आराधना से हर कष्ट दूर होते हैं। इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।