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आचार संहिता के कारण और दो महीने तक शहर की सड़कों पर रहेगा अंधेरा

छह महीने से पूरा शहर अंधेरे में डूबा हुआ है। अब लोकसभा चुनावों के कारण लगी आचार संहिता से लाइटों की मेंटेनेंस का टेंडर नहीं खोला जा सकता। इसलिए दो महीने तक सड़कों से अंधेरा दूर नहीं होगा। लाइटों की समस्या से शहर के लोग और वार्ड के पार्षद बहुत परेशान हैं। पार्षद दो बार इस समस्या का समाधान करवाने के लिए डीसी डॉ. प्रियंका सोनी से मिल चुके हैं लेकिन कोई हल नहीं निकला। हालांकि एक बार टेंडर लगाया भी गया था लेकिन ज्यादा रेट आने के कारण उसे कैंसल कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 09:15 AM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 09:15 AM (IST)
आचार संहिता के कारण और दो महीने तक शहर की सड़कों पर रहेगा अंधेरा

सुनील जांगड़ा, कैथल : छह महीने से पूरा शहर अंधेरे में डूबा हुआ है। अब लोकसभा चुनावों के कारण लगी आचार संहिता से लाइटों की मेंटेनेंस का टेंडर नहीं खोला जा सकता। इसलिए दो महीने तक सड़कों से अंधेरा दूर नहीं होगा। लाइटों की समस्या से शहर के लोग और वार्ड के पार्षद बहुत परेशान हैं। पार्षद दो बार इस समस्या का समाधान करवाने के लिए डीसी डॉ. प्रियंका सोनी से मिल चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला। हालांकि एक बार टेंडर लगाया भी गया था, लेकिन ज्यादा रेट आने के कारण उसे कैंसल कर दिया गया। करीब 60 लाख रुपये लाइटों पर खर्च होने थे, लेकिन राशि ज्यादा होने के कारण डीसी ने उसे कैंसल कर दिया था। कुछ दिन बाद टेंडर दोबारा लगाया गया और अब वह भी आचार संहिता के कारण नहीं खोला जा सकता।

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लाइटों की समस्या को लेकर लोग पार्षदों के पास जाते हैं और पार्षद अधिकारियों के पास। समस्या का समाधान ना तो पार्षद ही करवा पा रहे हैं और ना ही अधिकारी। हर वार्ड में 20 से 30 लाइटें खराब

पूरे शहर की सड़कों और वार्डों में करीब दस हजार स्ट्रीट लाइटें लगी हुई है। करीब छह महीने से इनकी मेंटेनेंस नहीं हो पाई है। शहर में 31 वार्ड हैं और हर वार्ड में लगभग 20 से 30 स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हुई हैं। इसके अलावा करनाल रोड, ढांड रोड, अंबाला रोड, रेलवे पुल सहित कई मुख्य मार्गों पर सैकड़ों लाइटें खराब पड़ी हैं। शाम होते ही मुख्य सड़कों पर अंधेरा छा जाता है। ऐसे में शहर में चोरी की घटनाएं भी बढ़ रही है। छह महीने में शहर में करीब 20 छोटी व बड़ी चोरियां हो चुकी हैं।

30 में से 25 लाइटें खराब

वार्ड 22 की पार्षद ज्योति सैनी ने बताया कि उनके वार्ड में करीब 30 स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं। उनमें से करीब 25 लाइटें खराब पड़ी हुई हैं। खराब लाइटों के कारण वार्ड की गलियों में अंधेरा रहता है। कई बार नगर परिषद अधिकारियों को समस्या के बारे में अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। कभी भी हो सकता है हादसा

वार्ड नंबर 18 की पार्षद रेखा सिगला ने बताया कि पूरे वार्ड में लाइटें खराब पड़ी हैं। न तो खराब लाइटों को ठीक किया जा रहा है और न ही नई लाइटें लगाई जा रही हैं। इसके अलावा रेलवे ओवरब्रिज पर लगी सभी स्ट्रीट लाइटें कई महीनों से खराब पड़ी हुई हैं। ब्रिज की लाइटें खराब होने के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। खुद ठीक करवाया

वार्ड चार की पार्षद निशा गर्ग ने बताया कि उनके वार्ड में करीब 40 लाइटें लगी हुई हैं। करीब 20 लाइटें खराब पड़ी हुई हैं। कुछ लाइटों को उन्होंने अपने पास से पैसे खर्च करके ठीक करवाया है। आरोप है कि कुछ लाइटें नगर परिषद की ओर से लगाई लगाई थी, लेकिन वे भी गलियों में नहीं प्राइवेट घरों में लगाई गई हैं। समस्या को लेकर वे नप अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। स्ट्रीट लाइटों की मेंटेनेंस के लिए टेंडर लगाया गया था। अब आचार संहिता लगने के कारण टेंडर को खोला नहीं जा सकता है। समस्या के समाधान के लिए वैकल्पिक प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की जाएगी।

-अशोक कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद


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