सोमवती चाप सिंह का सांग प्रस्तुत कर दिया पतिव्रता धर्म का संदेश
आरकेएसडी कॉलेज में आयोजित आठवां युवा सांग महोत्सव शुक्रवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम के अंतिम दिन डीसी सुजान सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
जागरण संवादददाता, कैथल : आरकेएसडी कॉलेज में आयोजित आठवां युवा सांग महोत्सव शुक्रवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम के अंतिम दिन डीसी सुजान सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। डीसी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कॉलेज प्रबंधक समिति एवं राष्ट्रीय विद्या समिति के महासचिव पंकज बंसल, श्याम बंसल, सांध्यकालीन सत्र के संयोजक नवनीत गोयल एडवोकेट ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। अंतिम दिन सांग का मंचन पानीपत के आर्या पीजी कॉलेज के विद्यार्थियों ने किया। उन्होंने सोमवती-चापसिंह का सांग प्रस्तुत किया। यह सांग एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित पतिव्रता नारी सोमवती के धर्म और आस्था को स्थापित करने से है। चापसिंह एक निडर सेनापति है, उसे अपनी पत्नी पर अटूट विश्वास है। वह शेरखां पठान को यह बात बताता है तो वह उसका मजाक उड़ाता है। वह शर्त लगाता है की वह उसकी पत्नी का पतिव्रता धर्म तोड़कर दिखाएगा और अगर ऐसा हो गया तो चापसिंह को फांसी पर लटकाया जाएगा वरना मुझे फांसी दे दी जाए। वह विभिन्न षड्यंत्र करके ऐसी कोशिश करता है तथा धोखाधड़ी करके यह साबित करता भी है, लेकिन सोमवती-चापसिंह राजा के दरबार में यह सिद्ध कर देती है की शेरखां से मिलना तो दूर उसने देखा भी नही है।
कार्यक्रम में डीसी सुजान सिंह ने कॉलेज प्रबंधक समिति एवं सभी प्राध्यापकों को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने डॉ. राजीव शर्मा को सांग में योगदान के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे डीएवी कॉलेज पूंडरी के प्राचार्य डॉ. सुभाष तंवर, चीका के डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रमेश ढांडा और कलायत के राजकीय महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश सैनी को भी सम्मानित किया गया।
इस मौके पर गांव तितरम के सरपंच सुनील कुंडू ने 2100 रुपये और गांव नैना के सरपंच सुरेंद्र नैन नैना ने 1100 रुपये कॉलेज को दान स्वरूप दिए। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजय गोयल और सांध्यकालीन सत्र के प्राचार्य प्रभारी डॉ. हरिद्र गुप्ता ने डीसी का आभार जताया। कार्यक्रम में मंच संचालन प्रो. रचना सरदाना, प्रो.पूजा गुप्ता एवं प्रो जयबीर धारीवाल ने किया। इस मौके पर उप-प्राचार्य डॉ. एसबी मैहला, डॉ. सीबी सैनी, डॉ. राजबीर पराशर मौजूद थे।