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अनंतकाल से चलती आई वैदिक संस्कृति की ज्ञान धारा

आर्ट ऑफ लिविग संस्था की ओर से कपिस्थल आश्रम में स्थित वेदविज्ञान महाविद्यापीठ कार्यक्रम आयोजित किया गया। आचार्य डॉ.विकास भटनागर ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी रविद्र ठाकुर ने तीन बार पवित्र ओम के उच्चारण के साथ किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 09:15 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 09:15 AM (IST)
अनंतकाल से चलती आई वैदिक संस्कृति की ज्ञान धारा

जागरण संवाददाता, कैथल :

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आर्ट ऑफ लिविग संस्था की ओर से कपिस्थल आश्रम में स्थित वेदविज्ञान महाविद्यापीठ कार्यक्रम आयोजित किया गया। आचार्य डॉ.विकास भटनागर ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी रविद्र ठाकुर ने तीन बार पवित्र ओम के उच्चारण के साथ किया गया। यह कार्यक्रम संस्था के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सुजीत कुमार सिंह व प्रोजेक्ट भारत के प्रांतीय प्रमुख डॉक्टर विकास भटनागर व डॉ. विकास शर्मा के सुयोग्य मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। वीडियो के माध्यम से परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष में अनंतकाल से वैदिक संस्कृति की पावन ज्ञान धारा चलती आई है और चलती रहेगी। उन्हें कहा कि इस अभियान के तहत न सिर्फ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जाएगी, अपितु योग-उद्योग के अद्भुत संयोजन से राष्ट्र-निर्माण में भी भारी मदद मिलेगी।

इसके अतिरिक्त योजनाबद्ध तरीके से रसायनयुक्त खेती को तिलांजलि देकर परम्परागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ साथ हिसा-मुक्त एवं नशा-मुक्त लेकिन स्वच्छ-आदर्श गांव की स्थापना करना इस पवित्र अभियान का प्रमुख उद्देश्य रहेगा। इस मौके पर स्वामी रविद्र ठाकुर ने सेवा, साधना तथा सत्संग को सफल जीवन का मूलमंत्र बताते हुए आपसी तालमेल तथा एकजुटता के साथ सेवा कार्य करने पर बल विशेष दिया।


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