तीन साल से अधर में लटक पशु विज्ञान केंद्र का निर्माण
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोद लिए गांव क्योड़क में अक्टूबर 2015 में लाला लाजपत राय पशु विश्वविद्यालय हिसार का रीजनल सेंटर खोलने की घोषणा की थी। घोषणा के तीन साले के बाद जब पशु विज्ञान केंद्र की पड़ताल दैनिक जागरण ने की तो पता चला कि अभी तो पीडब्ल्यूडी विभाग इसकी चहारदीवारी भी नहीं निकाल पाया है। पंचायत की 10 एकड़ जमीन पर बनने वाले केंद्र पर करीब सात करोड़ 22 लाख रुपये की राशि खर्च की जानी है। अभी चहारदीवारी का कार्य पूरा होने में भी करीब एक महीने का समय लगेगा। वहीं केंद्र के लिए भवन बनाने के कार्य के लिए अभी टेंडर होना बाकी है। टेंडर होने के बाद कम से कम भवन को तैयार करने में 18 महीने का समय लगेगा। यानि चार साल में मुख्यमंत्री के शासनकाल में पशु केंद्र की सौगात मिलना तो दूर भवन का निर्माण कार्य शुरूहोना भी मुश्किल है।
जागरण संवाददाता, कैथल : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोद लिए गांव क्योड़क में अक्टूबर 2015 में लाला लाजपत राय पशु विश्वविद्यालय हिसार का रीजनल सेंटर खोलने की घोषणा की थी। घोषणा के तीन साले के बाद जब पशु विज्ञान केंद्र की पड़ताल दैनिक जागरण ने की तो पता चला कि अभी तो पीडब्ल्यूडी विभाग इसकी चहारदीवारी भी नहीं निकाल पाया है।
पंचायत की 10 एकड़ जमीन पर बनने वाले केंद्र पर करीब सात करोड़ 22 लाख रुपये की राशि खर्च की जानी है। अभी चहारदीवारी का कार्य पूरा होने में भी करीब एक महीने का समय लगेगा। वहीं केंद्र के लिए भवन बनाने के कार्य के लिए अभी टेंडर होना बाकी है। टेंडर होने के बाद कम से कम भवन को तैयार करने में 18 महीने का समय लगेगा। यानि चार साल में मुख्यमंत्री के शासनकाल में पशु केंद्र की सौगात मिलना तो दूर भवन का निर्माण कार्य शुरूहोना भी मुश्किल है।
पैसे जारी नहीं होने से अटका
था पशु केंद्र का कार्य
सरकार की घोषणा के बाद लाला लाजपत राय विश्वविद्यालय की तरफ से राशि जारी की जानी थी, लेकिन राशि जारी नहीं किए जाने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया था। दिसंबर 2018 में पीडब्ल्यूडी विभाग को राशि मिली और तुरंत बाद चहारदीवारी बनाने का कार्य शुरू किया गया।
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विभाग को राशि हो चुकी जारी
पशु विज्ञान केंद्र कब बनेगा इसका तो पता नहीं, लेकिन सरकार विभाग को राशि जारी कर चुकी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद पशु विज्ञान केंद्र के भवन पर करीब चार करोड़ 75 लाख 42 हजार रुपये खर्च होंगे। वहीं 37.97 लाख से चहारदीवारी का बनाने का कार्य भी चल रहा है। इसके अलावा बची हुई करीब दो करोड़ राशि भवन के अंदर इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य सुविधाओं पर खर्च की जाएगी।
ये होंगे पशु विज्ञान केंद्र
बनने के बाद लाभ
कैथल जिला में पशु पालन बड़े स्तर पर होता है। यहां की मुर्रा भैंस पूरे देश में प्रसिद्ध है। मुर्रा भैंसों सहित अन्य नसल सुधार के कार्यों में इससे फायदा होगा। पशुओं के ऑपरेशन कराने के लिए भी यहां के लोगों को हिसार या करनाल जाना पड़ता है। वहां जाने में लोगों को काफी परेशानी आती है। क्षेत्र में पशुओं के डॉक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर भी भारी कमी है। केंद्र बनने के बाद क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी। पशुओं की बढ़ती मृत्यु दर से किसान पशुपालन से मुंह मोड़ रहे हैं। केंद्र खुलने के बाद इसमें राहत मिलेगी।
पूरी हो चुकी है टेंडर प्रक्रिया
पशु केंद्र के भवन निर्माण की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ठेकेदार को वर्क आर्डर दिए जा चुके हैं। कुछ ही दिनों में केंद्र के भवन निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। चहारदीवारी के कार्य को पूरा करने में भी 15 से 20 दिन ही लगेंगे।
- कुलदीप चंद, एक्सइएन, पीडब्ल्यूडी विभाग।