हड़ताल व आंदोलन का अधिकार छीनने के विरोध में वकीलों ने सौंपा ज्ञापन
जागरण संवाददाता, कैथल : जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रस्ताव पास कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में डीसी धर्मवीर ¨सह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले वकीलों ने फैसले के बारे में सभी वकीलों को भी अवगत करवाया और विचार विमर्श किया। एसोसिएशन के प्रधान आरसी गोयल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार वकील हड़ताल या आंदोलन नहीं कर सकते हैं। यह फैसला वकीलों के हित में नहीं है।
जागरण संवाददाता, कैथल : जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रस्ताव पास कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में डीसी धर्मवीर ¨सह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले वकीलों ने फैसले के बारे में सभी वकीलों को भी अवगत करवाया और विचार विमर्श किया। एसोसिएशन के प्रधान आरसी गोयल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार वकील हड़ताल या आंदोलन नहीं कर सकते हैं। यह फैसला वकीलों के हित में नहीं है। वकीलों के पास भी सही कारणों व गलत के विरोध में हड़ताल या आंदोलन करना का अधिकार होना चाहिए। इसी स्वतंत्रता को पाने के लिए यह ज्ञापन दिया गया है। इसके अलावा वकील विरोधी बिल को वापस लिया जाए।
वकालत अधिनियम 1961 की धारा 34 का उन्मूलन। सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट व निचली अदालतों में खाली पड़े जजों के पदों को भरा जाए और सेवानिवृति के बाद किसी भी जज को दोबारा किसी भी पद पर ना रखा जाए। इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा के लिए वकीलों को भी इंश्योरेंस, चिकित्सा सुविधा, पेंशन, भत्ते व अन्य कल्याणकारी योजनाएं का लाभ पूरे भारत में दिया जाए। इस मौके पर पूर्व प्रधान बलराज नौच, उप-प्रधान जसबीर ¨सह मोगा, सचिव सुरेंद्र चाहड़, सह सचिव रमेश कसान, कोषाध्यक्ष दीपांशु नरुला मौजूद थे।