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नगर परिषद ने पांच साल में चार बार चलाया बेसहारा पशु पकड़ो अभियान, नहीं मिली समस्या से निजात

शहर में करीब पांच सालों से बेसहारा पशुओं की समस्या बनी हुई है। इन सालों में नगर परिषद की तरफ से चार बार पशुओं को पकड़ने का अभियान भी चलाया गया लेकिन हर बार 50 से 60 पशु पकड़ कर अभियान बंद कर दिया गया। शहर की सड़कों पर करीब 600 पशु हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Aug 2021 05:35 PM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 05:35 PM (IST)
नगर परिषद ने पांच साल में चार बार चलाया बेसहारा पशु पकड़ो अभियान, नहीं मिली समस्या से निजात
नगर परिषद ने पांच साल में चार बार चलाया बेसहारा पशु पकड़ो अभियान, नहीं मिली समस्या से निजात

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर में करीब पांच सालों से बेसहारा पशुओं की समस्या बनी हुई है। इन सालों में नगर परिषद की तरफ से चार बार पशुओं को पकड़ने का अभियान भी चलाया गया, लेकिन हर बार 50 से 60 पशु पकड़ कर अभियान बंद कर दिया गया। शहर की सड़कों पर करीब 600 पशु हैं। अगर नगर परिषद इन पशुओं को पकड़े तो समस्या का समाधान हो सकता है। वाहन चालकों के लिए बेसहारा पशु सबसे बड़ी परेशानी बने हुए हैं। रात के समय काले रंग के पशु सड़कों के बीच में बैठे रहते हैं। ऐसे में वाहन चालकों की टक्कर इन पशुओं से हो जाती है। शहर की जो मुख्य चार गोशालाएं हैं उनमें भी जरूरत से ज्यादा पशु हैं। गांव भैणीमाजरा स्थित नंदीशाला में ही कुछ दिन पहले 50 पशु छोड़ गए थे, लेकिन उसके बाद पशु पकड़ने का अभियान बंद कर दिया गया था। ढांड रोड पर बनाए गए कचरा प्वाइंट पर करीब 15 पशुओं का जमावड़ा रहता है, जिस कारण कोई भी बड़ा सड़क हादसा हो सकता है। पशु दिन और रात को कचरे के ढेर के पास रहते हैं। वहां एक गंदा नाला भी है। इस नाले में कई पशु गिर कर चोटिल भी हो चुके हैं। इसके अलावा अमरगढ़ गामड़ी में चारे की दुकानों के आगे भी पशुओं का जमावड़ा रहता है। इस समस्या के समाधान को लेकर जिला प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

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एकदम से बेसहारा पशुओं की समस्या को खत्म नहीं किया जा सकता। इसके लिए नप लगातार प्रयास कर रही है। कुछ दिन पहले भी पशुओं को पकड़ा गया था। जल्द ही दोबारा से पशुओं को पकड़ने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

रविद्र सिंह, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद।


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