शहर की बिगड़ने लगी आबोहवा एक्यूआइ 324 पर पहुंचा
बदलते मौसम और धान के अवशेषों में आग की घटनाओं के कारण शहर की हवा अब सांस लेने योग्य नहीं रही है। पिछले एक सप्ताह से लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ रहा है। सोमवार को सुबह दस बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 324 तक पहुंच गया है। यह स्तर सांस के लेने के लिए काफी नुकसानदायक होता है। एक्यूआइ 200 से नीचे ही सही माना जाता है। अगर इससे ज्यादा होता है तो गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है।
जागरण संवाददाता, कैथल : बदलते मौसम और धान के अवशेषों में आग की घटनाओं के कारण शहर की हवा अब सांस लेने योग्य नहीं रही है। पिछले एक सप्ताह से लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ रहा है। सोमवार को सुबह दस बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 324 तक पहुंच गया है। यह स्तर सांस के लेने के लिए काफी नुकसानदायक होता है। एक्यूआइ 200 से नीचे ही सही माना जाता है। अगर इससे ज्यादा होता है तो गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है।
जिला प्रशासन की ओर से किसानों को जागरूक किया जा रहा है, लेकिन उसके बाद भी पराली में आग की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शहरी क्षेत्र में भी कचरे के ढेरों में आग लगाई जा रही है, जिससे वायु लगातार दूषित हो रहा है। बढ़ते प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफ, ह्दय से संबंधित रोग और आंखों में जलन की समस्या हो सकती है।
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प्रदूषण बोर्ड ने गठित की है टीम
प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से भी टीमों का गठन कर दिया गया है। प्रदूषण बोर्ड के एसडीओ विकास हुडा की अध्यक्षता में टीमें बनाई जा चुकी हैं। अब अगर नगर परिषद के एरिया में आग लगी हुई पाई गई तो नगर परिषद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नोटिस के साथ पांच हजार रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा। शहर में अगर कहीं भी निर्माण कार्य चल रहा है तो उसकी सामग्री को भी कवर करके रखना होगा। निर्माण सामग्री से निकलने वाली धूल से भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
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इस तरह से बढ़ा प्रदूषण का स्तर
तारीख एक्यूआइ
20 अक्टूबर 188
21 अक्टूबर 256
22 अक्टूबर 263
23 अक्टूबर 294
24 अक्टूबर 281
25 अक्टूबर 315
26 अक्टूबर 324
वर्जन : बढ़ रहा है एयर क्वालिटी इंडेक्स
एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारण साबित हो सकता है। बोर्ड अपने स्तर पर प्रदूषण को रोकने का प्रयास कर रहा है। अगर कहीं आग लगी पाई जाती है तो संबंधित विभाग को जुर्माना किया जाएगा। किसानों से भी आग्रह किया जा रहा है कि वे धान के अवशेषों में आग ना लगाएं।
- विकास हुडा, एसडीओ, हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कैथल।