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मित्तल बोले,नगरपरिषद कार्यालय ही बदहाल तो कैसे होगी शहर की सफाई

नगर परिषद में सुबह 10 बजे तक झाडू तक नहीं लगा था। आधार कार्ड में नाम ठीक कराने गए एक और सुधार कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने जब नगर परिषद प्रांगण में पड़ी गंदगी देखी तो वे चौंक गए। उन्होंने कहा कि वे तो खुद अपने वार्ड में सफाई की समस्या रखने की सोच रहे थे, लेकिन नगर परिषद के तो अपने हालात ठीक नहीं है

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 10:08 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 10:08 AM (IST)
मित्तल बोले,नगरपरिषद कार्यालय ही बदहाल तो कैसे होगी शहर की सफाई

जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद में सुबह 10 बजे तक झाडू तक नहीं लगा था। आधार कार्ड में नाम ठीक कराने गए एक और सुधार कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने जब नगर परिषद प्रांगण में पड़ी गंदगी देखी तो वे चौंक गए। उन्होंने कहा कि वे तो खुद अपने वार्ड में सफाई की समस्या रखने की सोच रहे थे, लेकिन नगर परिषद के तो अपने हालात ठीक नहीं है। नगर परिषद के प्रांगण में 10 बजे तक झाडू नहीं लगा हो वे कैसे शहर को साफ रखेंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शहर के हालात तो जब सुधरेंगे पहले नगर परिषद के हालात ठीक कीजिए। गंदगी और बदहाली के बाद मुख्य सफाई निरीक्षक को मौके पर बुलाया तो उन्होंने कहा कि पानी आएगा तभी तो सफाई होगी। वे स्वयं 10 दिन पहले टॉयलट चले गए तो पानी नहीं मिला। बिना पानी के ही काम चलाना पड़ा। यह सब सुनकर रॉकी मित्तल हैरान थे।

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उन्होंने कहा कि ये सभी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए शर्म की बात है। फिर सवाल उठा कि झाडू तो बिना पानी भी लग सकता है तो दारोगा को मौके पर बुलाया गया। दारोगा बोले कि आज कर्मचारी नहीं आया है रोजाना तो सफाई करवाई जाती है।

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टॉयलट में पानी की जगह

मिली शराब की बोतल

रॉकी मित्तल ने पूरे नगर परिषद कार्यालय के चप्पे चप्पे का निरीक्षण किया। सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी भरी थी। पानी तो किसी में नहीं मिला, लेकिन खाली शराब की बोतलें मिली। शौचालयों से बहुत बदबू आ रही थी।

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हटाई गई महिला कर्मचारी ने रोया दुखड़ा

जब सफाई का मुद्दा उठा तो अधिकारियों ने पहले ठेके पर लगी और अब हटाई जा चुकी दो महिला कर्मचारियों को आगे कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें छह महीने से वेतन नहीं मिला है, वे कैसे सफाई करें। रॉकी मित्तल ने फिर मुख्य सफाई निरीक्षक को बुलाकर जवाब तलब किया तो उन्होंने कहा कि वे तो इन्हें घर जाने के आदेश दे चुके हैं, लेकिन ये जाने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि छह महीने पहले वे ठेके पर काम करते थे। 30-30 हजार रुपये उनसे दोबारा काम पर रखे जाने के लिए ठेकेदार मांग रहा है। वे कहां से दें इतने पैसे। रॉकी मित्तल ने मंत्री कविता जैन से बात कर जल्द ही सभी सफाई कर्मियों को समस्या के समाधान आश्वासन दिलाया।

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50 प्रतिशत कर्मचारी भी नहीं थे सीटों पर

नप में अधिकारी, कर्मचारियों का कार्यालयों में पहुंचने का समय सुबह नौ बजे का है, लेकिन जब रॉकी मित्तल नौ बजकर 45 मिनट पर नगरपरिषद कार्यालय में पहुंचे तो सभी कार्यालय खाली पड़े थे। अधिकारियों में ईओ व एमई को छोड़कर कोई भी सीट पर नहीं था। कर्मचारियों की हाजिरी 40 से 50 प्रतिशत के बीच थी। जहां सारे कार्य आनलाइन किए जाते हैं वहां लाइन लगी थी, लेकिन पांच में से दो कर्मचारी ही सीट पर बैठे थे। यही हाल अन्य कार्यालयों का था।


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