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डेंगू के डंक को रोकने के लिए टीमें गठित

शनिवार को नेशनल डेंगू डे पर स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज मंगला ने डेंगू के डंक को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किए गए प्रबंधों के बारे में जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 09:46 AM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 09:46 AM (IST)
डेंगू के डंक को रोकने के लिए टीमें गठित
डेंगू के डंक को रोकने के लिए टीमें गठित

जागरण संवाददाता, कैथल : शनिवार को नेशनल डेंगू डे पर स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज मंगला ने डेंगू के डंक को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किए गए प्रबंधों के बारे में जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि डेंगू जानलेवा बीमारी है। मादा एडीज एजिप्टाई नामक मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन के समय काटता है। कैथल जिले में इस बीमारी की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

स्वास्थ्य कर्मी जितेंद्र कुमार, सुनील, सुरेंद्र और राज सिंह के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें बनाकर एंटी लारवा दवा का छिड़काव ड्रेनों, हुडा सेक्टर व कॉलोनियों में शुरू कर दिया है। इनमें कुल 1500 कर्मचारी शामिल हैं। एएनएम, आशा वर्कर, हेल्थ वर्कर सहित अन्य युवाओं को शामिल किया गया है। पिछले साल की तरफ जल्द ही 2000 सक्षम युवाओें को भी इस अभियान से जोड़ते हुए एक्टिविटी को तेज किया जाएगा।

इस बीमारी के लक्षण नजर आने पर लोग सिविल अस्पताल पहुंचकर एलीजा टेस्ट करवाएं। अगर प्राइवेट अस्पताल वाले इस टेस्ट को करते हैं तो निर्धारित रेट 600 रुपये से ज्यादा फीस न लें। डेंगू की पुष्टि होने पर पहले सिविल सर्जन कैथल को इसकी जानकारी दें। कार्ड टेस्ट पर सरकार की तरफ से प्रतिबंध लगाया गया है, अगर कोई लैब संचालक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

पिछले साल मिले थे छह केस

डेंगू के पिछले साल छह केस मिले थे। वर्ष 2018 में 31 व 2017 में 154 केस थे। 2300 के करीब टेस्ट किए गए थे। इस बार डेंगू का एक भी केस जिले में न निकले इस लेकर विभाग की तरफ से अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।

डेंगू के लक्षण

बहुत तेज बुखार होना।

-आंखों को घुमाते समय आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द होना।

-बहुत तेज सिर में दर्द होना।

-शरीर में गुलाबी चकते उभरना।

-जी मचलाना व उल्टी आना।

-लसिका ग्रंथियों का बढ़ जाना।

-मुंह, नाक व मसूड़ों में खून आना।

बचाव के तरीके

-घर के आसपास पानी जमा न होने दें।

-पानी अगर खड़ा है तो गड्ढे में मिट्टी डालकर भर दें।

-पानी के बर्तन, पशुओं को पानी पिलाने वाले होद, मटके व अन्य बर्तनों की सप्ताह में एक दिन सफाई जरूर करें।

-रात को सोते समय मच्छरदानी या ओडोमास का प्रयोग करें।

-शरीर को पूर्ण रूप से ढकने वाले वस्त्र पहनें।

-बुखार होने पर सिविल अस्पताल में पहुंचकर जांच करवाएं।

-छतों पर रखे पुराने बर्तन, टायर व अन्य सामान को साफ रखें।

-कूलरों, फ्रिज की ट्रे में पानी को सप्ताह में साफ करें।


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