अध्यापकों ने प्रशिक्षण शिविरों के विरोध में किया प्रदर्शन
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ एवं प्राथमिक संघ खंड पूंडरी शिक्षा विभाग की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दिये जा रहे निष्ठा प्रशिक्षण का विरोध किया। विरोध की अगुवाई हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ प्रधान छत्रपाल एवं राजकीय प्राथमिक संघ प्रधान मनोज खराब ने संयुक्त रूप से की।
संवाद सहयोगी, पूंडरी: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ एवं प्राथमिक संघ खंड पूंडरी शिक्षा विभाग की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दिये जा रहे निष्ठा प्रशिक्षण का विरोध किया। विरोध की अगुवाई हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ प्रधान छत्रपाल एवं राजकीय प्राथमिक संघ प्रधान मनोज खराब ने संयुक्त रूप से की। उन्होंने कहा कि इन पढ़ाई के दिनों में जब बच्चों की कक्षाएं लगनी चाहिए विभाग अध्यापकों को ट्रेनिग देने में जुटा है इसलिए अध्यापक निष्ठा ट्रेनिग का विरोध करते है। उन्होंने कहा कि सभी अध्यापक एचटेट, बीएड व जेबीटी आदि करके लगे हैं। तो उन्हें इस प्रकार की किसी ट्रेनिग की आवश्यकता नहीं है और यदि विभाग में ट्रेनिग लगानी भी है तो अप्रैल जून और जुलाई के माह में लगाए, जिसमें स्कूलों में छात्र संख्या कम होती है। अब जब विद्यार्थियों के परीक्षाओं का समय नजदीक है यदि राजकीय स्कूलों से अध्यापक इस प्रकार बाहर रहेंगे तो विद्यार्थियों को पढ़ाई कौन करवाएगा। इसके अलावा खंड प्रधान ने बताया कि शिक्षा का बजट हर वर्ष घटाया जा रहा है। प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस प्रकार की ट्रेनिग एसएसए के माध्यम से दी जा रही है, जिससे कि अधिकारियों और कर्मचारियों की जेबे भरने का काम हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब विभाग में काफी संख्या में सीआरसी व बीआरसी है तो वे क्यों नहीं अलग-अलग स्कूलों में जाकर समय अनुसार अध्यापकों को जानकारी प्रदान करते। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दिनों में ही यह केवल पैसा खर्च करने के अलावा कुछ नहीं, यदि यही बजट सरकारी स्कूलों में ढांचागत सुविधाएं देने के लिए खर्च किया जाए तो बेहतर होगा। इस मौके पर पूंडरी खंड के तीनों ट्रेनिग सेंटरों में उपस्थित 150 अध्यापक मौजूद थे। सभी ने लिखित रूप में कैंप का बहिष्कार किया और सरकार से आह्वान किया की सक्षम प्लस व निष्ठा जैसी योजनाएं चलाकर उन्हें तग न करें। अध्यापकों को केवल पढ़ाई के काम में संलग्न रहने दे। खंड प्रधान ने बताया कि अगला कदम राज्य व जिला कार्यकारिणी के निर्देशानुसार उठाया जाएगा और जब तक ऊपर से कोई दिशा-निर्देश नहीं आते सभी अध्यापक स्कूलों में जाकर पढ़ाएंगे और कोई भी अध्यापक सेमिनार अटेंड नहीं करेगा।