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जिले में ब्लैक फंगस के दो और संदिग्ध केस मिले, कल्पना चावला मेडिकल कालेज रेफर

जागरण संवाददाता कैथल जिले में ब्लैक फंगस के दो ओर संदिग्ध केस सामने आए हैं। दोनों को क

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 09:39 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 09:39 AM (IST)
जिले में ब्लैक फंगस के दो और संदिग्ध केस मिले, कल्पना चावला मेडिकल कालेज रेफर

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में ब्लैक फंगस के दो ओर संदिग्ध केस सामने आए हैं। दोनों को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कालेज में रेफर कर दिया है। सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। दोनों में से एक बुजुर्ग कोरोना पाजिटिव है, जबकि दूसरे की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इससे पहले जिले में कोरोना के चार संदिग्ध केस सामने आ चुके हैं, इनमें से एक संदिग्ध की मौत हो चुकी है, अभी तक किसी की भी रिपोर्ट नहीं मिली है। दो पाजिटिव केस जिले में अब तक मिल चुके हैं। कोरोना महामारी के साथ-साथ ब्लैक फंगस को लेकर विभाग सतर्क है। इस महामारी के मरीजों की पहचान को लेकर तीन चिकित्सकों को शामिल करते हुए एक टीम बनाई गई है। इसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. कविता गोयल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं दंत रोग विशेषज्ञ व गला, नाक-कान के डाक्टर को शामिल किया गया है। सिविल अस्पताल में ओपीडी में भी इस तरह का केस आने पर सीनियर अधिकारियों को सूचित करने के निर्देश चिकित्सकों को दिए गए हैं। 47 वर्षीय व्यक्ति रविवार को ब्लैक फंगस का संदिग्ध मिला था, वहीं सोमवार को 70 वर्षीय बुजुर्ग ब्लैक फंगस का संदिग्ध केस मिला है। दोनों ही सिविल अस्पताल कैथल में दाखिल थे, जहां से अब रेफर कर दिया गया है। कोरोना के केस कम होने से मिल रही राहत

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जिले में अब कोरोना संक्रमण कम हो होने से राहत मिल रही है। अब सिविल अस्पताल में 16 के करीब मरीज दाखिल हैं। यहां 115 कुल बेड हैं, इनमें से 99 बेड अब खाली हो गए हैं। वहीं गुहला में कुल 71 कोरोना बेड हैं, यहां सभी बेड खाली है। अप्रैल व मई माह में कोरोना ने जमकर कहर बरपाया था। उस समय बेड भी कम पड़ गए थे। 115 में से 107 तक बेड भर गए थे। प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों को दाखिल करने के लिए जगह नहीं बची थी। जून माह में स्थित कंट्रोल में आ रही है। रविवार को जहां छह केस मिले थे, वहीं एक की मौत हुई थी। अब एक्टिव केसों का आंकड़ा 200 से कम है, वहीं मौतों का आंकड़ा भी कम हो रहा है। कोरोना महामारी व ब्लैक फंगस को लेकर विभाग की तरफ से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। ब्लैक फंगस के ये है लक्षण

कोविड से रिकवरी के वक्त अगर सिर में लगातार दर्द है या किसी जगह पर दबाव महसूस हो रहा है तो ये ब्लैक फंगस का लक्षण हो सकते हैं। इसी तरह से चेहरे पर सूजन, दर्द और नीचे की तरफ भारीपन महसूस हो रहा है. इसके अलावा त्वचा लाल है तो ब्लैक फंगस के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं। नाक के पास काली पपड़ी बनना, चेहरे का रंग खराब हो रहा है। आंखों में भारीपन, नाक बंद होना या सांस लेने में दिक्कत होना, दातों का ढीले हो जाना भी इस बीमारी के लक्षण है। अगर इस तरह की दिक्कत आती है तो लोगों को सिविल अस्पताल पहुंचकर जांच करवानी चाहिए। कोरोना महामारी के साथ-साथ ब्लैक फंगस को लेकर भी विभाग सतर्क है। उनके कार्यभार संभालने के बाद जिले में अभी तक छह संदिग्ध केस ब्लैक फंगस के मिले हैं। इनमें से एक संदिग्ध की मौत हो चुकी है। अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। ब्लैक फंगस को लेकर चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई है। संदिग्ध केस मिलने पर करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कालेज में रेफर किया जा रहा है। लोगों से अपील है कि इस तरह के लक्षण नजर आने पर सिविल अस्पताल पहुंचकर जांच करवाएं। बीमारी को हलका में लेने के बजाय जागरूक होकर कार्य करें।

-डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली, सिविल सर्जन, कैथल।


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