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विधायक के दरबार में पहुंचे निलंबित सिविल सर्जन डा.जयभगवान, खूब हुए गिले शिकवे

सिविल सर्जन डा.जयभगवान जाटान अपने निलंबन के अगले ही दिन उन पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाने वाले कैथल के विधायक लीला राम के दरबार में पहुंच गए। बंद कमरे में दोनों तरफ से दो घंटे से ज्यादा समय तक खूब गिले-शिकवे चलते रहे लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकला।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 06:20 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 06:20 AM (IST)
विधायक के दरबार में पहुंचे निलंबित सिविल  सर्जन डा.जयभगवान, खूब हुए गिले शिकवे
विधायक के दरबार में पहुंचे निलंबित सिविल सर्जन डा.जयभगवान, खूब हुए गिले शिकवे

जागरण संवाददाता, कैथल: सिविल सर्जन डा.जयभगवान जाटान अपने निलंबन के अगले ही दिन उन पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाने वाले कैथल के विधायक लीला राम के दरबार में पहुंच गए। बंद कमरे में दोनों तरफ से दो घंटे से ज्यादा समय तक खूब गिले-शिकवे चलते रहे, लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकला। इस मुलाकात के वक्त आरएसएस कार्यकर्ता दिनेश रहेजा भी मौजूद रहे।

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दूसरी तरफ जिस वक्त सिविल सर्जन विधायक के निवास पर उनसे मिलने पहुंचे, ठीक उसी वक्त विधायक की तरफ से सिविल सर्जन के खिलाफ सख्त शब्दों से लबालब प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई। इस मुलाकात पर विधायक लीला राम ने कहा कि सिविल सर्जन उनसे मिलने आए थे। उन्होंने माफी मांगी है, लेकिन उन्हें कह दिया गया कि माफी उनसे नहीं, बल्कि जनता से मांगें या सरकार ही उन्हें माफी देगी।

एक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर पीएनडीटी की छापेमारी बंद करने के दबाव के आरोप पर विधायक ने कहा, मैं अपनी मां की कसम खाकर कहता हूं। मैंने ऐसे किसी भी काम के लिए सिविल सर्जन को नहीं कहा। उल्टे मैं तो खुद भ्रूण हत्या जैसे घिनौने काम करने वालों के खिलाफ हूं। हमारे परिवार में ही 16 बहन-बेटियां हैं।

सिविल सर्जन डा.जयभगवान ने इस मीटिग के बारे में कहा कि उनकी विधायक से मुलाकात हुई है। विधायक की माफी वाली बात पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। सिविल सर्जन ने विधायक से उनकी शिकायत में लिखे शब्दों पर भी आपत्ति जताई।

विधायक की विज्ञप्ति का मजमून

विज्ञप्ति में विधायक लीलाराम ने कहा कि सिविल सर्जन डा.जयभगवान एक भ्रष्ट किस्म का व्यक्ति है, जिसको स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सस्पेंड करके बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से लोगों में सरकार के प्रति नफरत पैदा होती है। विधायक ने कहा कि सूत्रों से पता चला है कि सिविल सर्जन ने आउटसोर्सिंग की भर्ती में मोटे स्तर पर पैसा खाया है और दूसरे जिलों के व्यक्तियों को पैसों के बल पर नौकरी देने का काम किया है। पता चला है कि चीका में समाना के तीन युवकों को नौकरी पर रखा गया है। अगर यह बात सही पाई जाती है तो सरकार इसकी जांच करवा कर सिविल सर्जन और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करवाएगी। लीलाराम ने कहा कि सिविल सर्जन के सस्पेंड होने के बाद से जिले के कई युवाओं ने दबी जुबान से कहा है कि हमने तो दो लाख रुपये नौकरियों के लिए दिए हैं और अब हमें हमारी नौकरी पर खतरा नजर आ रहा है। ऐसे दर्जनों युवा उनसे मिले हैं, जिन्होंने कहा है कि सिविल सर्जन ने उनसे दो-दो लाख लेकर नौकरी पर रखा है। अगर यह बात सत्य सिद्ध हुई तो उनके खिलाफ और जो भी दोषी इसमें लिप्त पाए जाते हैं, उन सब के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को भाजपा सरकार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। जरूरत पड़ी तो इनको घर बिठाने का काम किया जाएगा, क्योंकि ऐसे लोगों की वजह से सरकार की बदनामी होती है और यह जनता को लूट कर के चले जाते हैं। लीलाराम ने कहा कि पूरे अस्पताल के कर्मचारी कैथल सिविल सर्जन के सस्पेंड होने पर खुश नजर आ रहे हैं। लोगों में इस बात की खुशी है कि एक भ्रष्ट अधिकारी को सस्पेंड किया गया है, जिससे लोग सरकार और स्वास्थ्य मंत्री की सराहना कर रहे हैं।

आउटसोर्सिंग भर्ती में हिस्सा नहीं मिलने का दर्द

विधायक ने कहा कि सिविल सर्जन ने जिले भर में आउटसोर्सिंग के तहत 52 से 55 कर्मचारी भर्ती किए गए हैं, लेकिन मंत्री, विधायक रणधीर गोलन और उनके कहने से एक-दो ही बंदे लगाए हैं। बाकी इसने अपनी मर्जी से लगाए हैं। लीला राम ने कहा कि ऐसे अधिकारी को सस्पेंड ही नहीं, बल्कि और भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।


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