गन्ने की फसल में लगे कीट सैंपल के लिए सर्वे किया
जागरण संवाददाता कैथल कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि
जागरण संवाददाता, कैथल : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि सहायक गन्ना विकास अधिकारी व गन्ना प्रबंधक डा. रामपाल के साथ मूंदड़ी नैना, ट्योंठा आदि गांवों में सैंपल के लिए सर्वे किया गया। इस सर्वे के दौरान पाया गया कि गन्ना किस्म सीओ-238 ने चोटी भेदक नामक कीट का प्रकोप आया हुआ है। डा. रामपाल ने बताया कि आम तौर पर कीट का आक्रमण जुलाई से सितंबर तक होता है, परंतु इस बार मौसम में बदलाव के कारण कीट की दूसरी पीढ़ी ज्यादा नुकसानदायक देखने में आ रही है, जो कि सीधे तौर पर गन्ना की आंखों को नुकसान पहुंचा रही है। डा. कुलदीप शर्मा ने बताया कि अप्रैल से जून तक यदि किसानों को गन्ना का पौधा ज्यादा संक्रमित लगे तो उसी समय जमीन की सतह से काट कर नष्ट कर दें ताकि कीड़ा अपना जीवन चक्र पूरा न कर सके। इसके साथ-साथ पत्तों पर चिपके कत्थई रंग के बालों के गुच्छे समूह को भी इकट्ठा करके नष्ट करें। इस दौरान डा. सुशील कौशिक ने चोटी भेदक के रासायनिक नियंत्रण के लिए कोरोना 150 एमएल दवा को 400 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे पंप से मोटे फव्वारे के साथ फसल के जड़ में डालें। किसान इसका उपयोग करते समय खेत में हल्की नमी रखें। डा. मुकेश कुमार ने बताया कि किसान पूरी तरह से कीटनाशकों पर निर्भर न हों।