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एचएसजीपीसी में वर्चस्व को लेकर मारामारी, झींडा विरोधी एकजुट

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) एक बार फिर अपने वर्चस्व को लेकर जिद्दोजहद में जुट गई है। कमेटी के 40 में से 18 सदस्यों ने कैथल के गुरुद्वारा नीम साहब में बैठक कर प्रस्ताव पास किया है। इसके तहत एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने की मांग करेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 11:57 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 11:57 PM (IST)
एचएसजीपीसी में वर्चस्व को लेकर  मारामारी, झींडा विरोधी एकजुट
एचएसजीपीसी में वर्चस्व को लेकर मारामारी, झींडा विरोधी एकजुट

जागरण संवाददाता, कैथल: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) एक बार फिर अपने वर्चस्व को लेकर जिद्दोजहद में जुट गई है। कमेटी के 40 में से 18 सदस्यों ने कैथल के गुरुद्वारा नीम साहब में बैठक कर प्रस्ताव पास किया है। इसके तहत एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने की मांग करेगा। बता दें कि इसका कार्यकाल 2016 में समाप्त हो चुका है। साथ ही प्रधान जगदीश ¨सह झींडा को जनरल बॉडी की बैठक बुलाकर बहुमत साबित करने की चुनौती दी गई।

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कमेटी वरिष्ठ उप प्रधान दीदार ¨सह नलवी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 2014 में 41 सदस्यीय एडहॉक कमेटी बनाई थी, जिसकी मियाद जनवरी 2016 में खत्म हो चुकी है। सरकार से विनती की गई है कि इस कमेटी की अवधि बढ़ाई जाए।

उन्होंने कहा कि 20 दिन पहले लिखित में प्रधान झींडा से मांग की गई थी कि कार्यकारिणी का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इसलिए बैठक बुलाकर इसका पुनर्गठन करें ताकि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की पैरवी मजबूती से की जा सके। 15 दिन का नोटिस दिया गया था, लेकिन हमेशा की तरह वह अपनी ही चलाते हैं। कमेटी के एक्ट को भी कुछ नहीं समझते। पिछले सात महीने से वह लापता हैं। इसलिए फैसला किया गया है कि मुख्यमंत्री से मिला जाएगा। नलवी ने कहा कि सरकार कमेटी की मियाद को बढ़ा सकती है, क्योंकि स्टेट्स को गुरुद्वारों के बारे में हैं।

इस मौके पर जगजीत ¨सह, करनैल ¨सह, अजीत ¨सह खालसा, मोहनजीत ¨सह, अमरेंद्र ¨सह, हरपाल ¨सह पाली, अजमेर ¨सह, अमरीक ¨सह, गुरचरण ¨सह चिमू, बलदेव ¨सह, निरवैर ¨सह, चरणदीप ¨सह, सतपाल ¨सह, हरभजन ¨सह राठौर व जसवंत ¨सह सोनीपत उपस्थित थे।

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परवाह नहीं कर रहे झींडा

एडवोकेट सुरजीत ¨सह ने कहा कि कार्यकारिणी की अवधि ढाई साल की थी, जो पूरे हो चुके हैं। चार साल बीत गए हैं, लेकिन प्रधान झींडा कुछ नहीं कर रहे। वे गुरुद्वारों का प्रबंध भी ठीक नहीं कर रहे। वे बिना किसी परवाह तानाशाह बनकर कमेटी का चुनाव नहीं करा रहे हैं।

इसी वजह से झींडा के खिलाफ 27 से ज्यादा सदस्य हैं। सुरजीत ¨सह ने कहा कि जब तक नई कमेटी नहीं बनेगी, हरियाणा के गुरुद्वारों का करोड़ों रुपया पंजाब जाता रहेगा। यह नहीं होने दिया जाएगा। कार्यकारिणी के सदस्य जसबीर ¨सह भाटी ने कहा कि झींडा अपना बहुमत साबित करें अन्यथा पद छोड़ें।


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