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हड़ताल फ्लॉप, धरनास्थल पर बमुश्किल पहुंचे 450 कर्मचारी

सरकारी की सख्ती के आगे कर्मचारी घुटने टेकने लगे हैं। मंगलवार को सभी विभागों में सेवाएं ठप करने के तालमेल कमेटी के दावों की हवा निकल गई। सरकार कर्मचारियों पर दबाव बनाने में सफल रही। सीटीएम कार्यालय से प्राप्त आंकड़े दर्शाते हैं कि विभागों के कर्मचारी दबाव में हैं और चाहते हुए भी रोडवेज हड़ताल को समर्थन नहीं दे पा रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार जिला भर में 7807 पक्के कर्मचारियों में से 6453 ने अपने अपने विभागों में हाजरी लगाई, वहीं सिर्फ 1354 गैर हाजिर रहे। इसके अलावा 3174 में से सिर्फ 244 अस्थायी कर्मचारी गैर हाजिर रहे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 10:47 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 10:47 PM (IST)
हड़ताल फ्लॉप, धरनास्थल पर बमुश्किल पहुंचे 450 कर्मचारी
हड़ताल फ्लॉप, धरनास्थल पर बमुश्किल पहुंचे 450 कर्मचारी

जागरण संवाददाता, कैथल : सरकारी की सख्ती के आगे कर्मचारी घुटने टेकने लगे हैं। मंगलवार को सभी विभागों में सेवाएं ठप करने के तालमेल कमेटी के दावों की हवा निकल गई। सरकार कर्मचारियों पर दबाव बनाने में सफल रही। सीटीएम कार्यालय से प्राप्त आंकड़े दर्शाते हैं कि विभागों के कर्मचारी दबाव में हैं और चाहते हुए भी रोडवेज हड़ताल को समर्थन नहीं दे पा रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार जिला भर में 7807 पक्के कर्मचारियों में से 6453 ने अपने अपने विभागों में हाजरी लगाई, वहीं सिर्फ 1354 गैर हाजिर रहे। इसके अलावा 3174 में से सिर्फ 244 अस्थायी कर्मचारी गैर हाजिर रहे। बताया जाता है कि अधिकतर कर्मचारी अपने कार्यालय में हाजिरी लगाने के बाद अपने घर पर बैठे रहे, जिसके चलते विभागों में कामकाज प्रभावित रहा।

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सभी विभागों के कर्मचारी

ने दिया समर्थन : संधू

मनोहर सरकार को गिराने की हुंकार भरने वाले कर्मचारियों की धरना स्थल पर घटती हाजिरी किसी खतरे से कम नहीं है। तालमेल कमेटी की 30 और 31 अक्टूबर को सभी विभागों में सेवाएं ठप करने की घोषणा के बावजूद धरना स्थल पर कर्मचारियों की संख्या 450 से ज्यादा नहीं थी। इनमें भी काफी संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर्स भी शामिल थी, जिनकी कर्मचारियों में गिनती ही नहीं होती है। वहीं, कैथल डिपो के जिला प्रधान महावीर संधू ने बताया कि सभी विभागों के कर्मचारियों ने समर्थन दिया है। सरकार ने मांग नहीं मानी तो हड़ताल आगे भी जारी रहेगी। सभी विभागों ने मांग नहीं माने जाने पर सेवाएं ठप करने का आश्वासन भी दिया है।

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सड़कों पर चली रोडवेज

की 101 बसें

एक तरफ कर्मचारी और सरकार दोनों झुकने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ सरकार ठेके के माध्यम से भर्ती किए युवाओं के माध्यम से जनता को राहत देने में कामयाब हो गई है। मंगलवार को सड़कों पर 101 बसें चली, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

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645 में 158 कर्मचारी

लौट चुके काम पर

रोडवेज जीएम रामकुमार ने बताया कि 645 कर्मचारियों में से 158 काम पर लौट आए हैं। इनमें से 12 परिचालक, पांच चालक, 62 वर्कशॉप कर्मचारी तथा 79 मैनेजमेंट स्टाफ काम पर लौट आया है। हालांकि उन्होंने बताया कि मंगलवार को कोई भी कर्मचारी काम पर नहीं लौटा है।

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इन विभागों में सेवाएं हुई प्रभावित

-सबसे ज्यादा सेवाएं बिजली निगम, जन स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, राजकीय आइटीआइ, ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी स्कूल बंद रहे हैं। बता दें कि बिजली निगम के कर्मचारी रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन पिछले एक सप्ताह से पूरी तरह सेवाएं ठप किए हुए हैं। इसके अलावा किसी अन्य विभाग में कार्य ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है।

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कांग्रेस व इनेलो नेताओं ने दिया समर्थन

हनुमान वाटिका में धरने पर बैठे कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए इनेलो नेता रामपाल माजरा व कांग्रेस नेता दिल्लू राम बाजीगर भी पहुंचे। उन्होंने मनोहर सरकार को जमकर कोसा। दोनों ने सरकार की आलोचना करते हुए तुरंत कर्मचारियों की मांग पूरी करने की बात कही। । इसके अलावा गांव कैलरम, तितरम व नंदकरण माजरा के ग्रामीणों ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया।

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डीसी धर्मवीर ¨सह ने कहा कि सभी विभागों से कर्मचारियों की हाजिरी रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट सरकार के पास भेज दी जाएगी। उच्चाधिकारियों के जो भी आदेश होंगे उनको लागू किया जाएगा।


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