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छोटी जोत के किसान अपनाएं जैविक खेती : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, कैथल: जिला उपायुक्त संजय जून ने कहा कि आधुनिक तकनीक पर आधारित जैविक ख

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 01:13 AM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 01:13 AM (IST)
छोटी जोत के किसान अपनाएं जैविक खेती : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, कैथल: जिला उपायुक्त संजय जून ने कहा कि आधुनिक तकनीक पर आधारित जैविक खेती से छोटी जोत वाले किसानों के लिए भी ज्यादा आय का माध्यम बनेगा। इसलिए किसानों को जैविक खेती को बढ़ावा देकर अपनी आय के स्रोत में बढोतरी करनी चाहिए। जैविक खेती से तैयार फल, सब्जियों व फसलों के उपयोग से स्वास्थ्य पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नही पड़ेगा।

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वे लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में हाल ही में फरीदाबाद के सूरजकूंड में दूसरे कृषि सम्मेलन में जिला के दो प्रगतिशील किसानों से मुलाकात कर रहे थे। इनमें राष्ट्रीय हलधर पुरस्कार विजेता गांव खेड़ी सिकंदर के राजेश कुमार तथा राज्य पुरस्कार विजेता गांव सौंगल के नफे ¨सह शामिल थे। इन किसानों को राज्य जैविक खेती पुरस्कार के रूप में एक-एक लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है।

उपायुक्त ने कहा कि घटती जोत के कारण किसानों को अंधाधुंध खादों का उपयोग छोड़कर जैविक खादों का उपयोग करते हुए उत्पादन बढ़ाना होगा। रासायनिक खादों के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होने के साथ-साथ ऐसे उत्पाद मानव स्वास्थ्य पर भी गलत प्रभाव डालते हैं। उन्होंने कहा कि जैविक तकनीक से तैयार फसल व सब्जियां ज्यादा पौष्टिक तथा ज्यादा लाभ देने वाली होंगी। उपायुक्त ने किसानों से अनुरोध किया कि वे भविष्य में भी कृषि व उद्यान विभाग की विशेषज्ञ सेवाओं का लाभ उठाते हुए इस दिशा में और आगे प्रगति करके प्रदेश और देश में जिला का नाम रोशन करें।

गांव खेड़ी सिकंदर के प्रगतिशील किसान राजेश कुमार ने को बताया कि उन्होंने तीन एकड़ में खेती शुरू की थी तथा 2002 से जैविक खेती प्रारंभ की। शुरू में छोटी जोत होने के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी तथा खेत में तैयार सब्जियां आसपास के क्षेत्रों में रेहड़ी में बेचकर गुजारा करते थे। धीरे-धीरे इस क्षेत्र में विस्तार होने के साथ-साथ उनकी सब्जियों की मांग आसपास के बड़े नगरों के शॉ¨पग मॉल में बढ़ने लगी। उन्होंने दिल्ली, पंचकूला, पटियाला के बड़े मॉल में सब्जियां सप्लाई शुरू की और उनका कारोबार बढ़ता चला गया। सब्जियों की बिक्री के लिए किसानों का एक समूह बनाया तथा इन सब्जियों की प्रोसे¨सग करके कार्य को और बढ़ाया गया। पूंडरी में ही घीया की सब्जी की बर्फी बनाकर बाजार में सप्लाई शुरू की। कृषि विद्यालय कौल में 10 एकड़ में लीज पर बाग लेकर उसमें नाशपति, अमरूद्ध, चीकू की फसल तैयार करके फलों की पैदावार को कृषि का केंद्र बनाया गया। उन्होंने पिछले वर्ष तीन चौथाई एकड़ में एक लाख 64 हजार रुपए फलों का मुनाफा हुआ। राजेश कुमार गेहूं व धान की खेती भी जैविक विधि से कर रहे हैं तथा जैविक खेती पर हलधर अवार्ड भी पहली बार उन्हें मिलने का सौभाग्य मिला।

इस मौके पर नगराधीश विरेंद्र सांगवान, उपकृषि निदेशक डॉ. महावीर ¨सह, जिला उद्यान अधिकारी डॉ. जगफूल ¨सह, प्रगतिशील किसान महेंद्र ¨सह रसीना उपस्थित थे।


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