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अयोध्या छोड़ वनों में पहुंचे श्रीराम

चंदाना गेट स्थित श्री ग्यारह रुद्री मंदिर परिसर में श्री गणेश ड्रामाट्रिक क्लब की ओर से किए जा रहे रामलीला मंचन में चौथे दिन श्रीराम के अयोध्या छोड़ने दशरथ की मौत पर उनका स्यापा और भरत मिलाप का दृश्य दिखाया गया। सबसे पहले मंच के कलाकारों ने प्रार्थना की जिसके बाद रामलीला का मंचन शुरू हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 09:47 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 06:31 AM (IST)
अयोध्या छोड़ वनों में पहुंचे श्रीराम
अयोध्या छोड़ वनों में पहुंचे श्रीराम

जागरण संवाददाता, कैथल :

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चंदाना गेट स्थित श्री ग्यारह रुद्री मंदिर परिसर में श्री गणेश ड्रामाट्रिक क्लब की ओर से किए जा रहे रामलीला मंचन में चौथे दिन श्रीराम के अयोध्या छोड़ने, दशरथ की मौत पर उनका स्यापा और भरत मिलाप का दृश्य दिखाया गया। सबसे पहले मंच के कलाकारों ने प्रार्थना की, जिसके बाद रामलीला का मंचन शुरू हुआ। यह मंचन क्लब के निर्देशक रमेश जांगड़ा व धर्मवीर असीजा के निर्देशन में किया जा रहा है। बृहस्पतिवार की रात पहले दृश्य में श्रीराम चंद्र का अयोध्या पार कर वनों में पहुंचना दिखाया जाता है। इसमें श्रीराम से खेवट मिलते है जो उन्हें अयोध्या पार करवा देते है।

श्रीराम के अयोध्या से जाते ही भरत व शत्रुघ्न वापस घर पहुंचते है। तब उन्हें कैकेयी की ओर से राजा दशरथ से लिए गए दो वचनों की जानकारी मिलती है। इस पर वह श्रीराम, लक्षमण और सीता को अयोध्या वापिस लाने के लिए जंगलों में जाते है। वे श्रीराम से मिलते है तो लक्ष्मण इस बात पर क्रोधित हो उठते है कि भरत ने ही उनका राजतिलक मांगा है, लेकिन ऐसा नहीं होता। इसके बाद भरत श्रीराम को अयोध्या वापस चलने के लिए कहते है। लेकिन श्रीराम भरत से कहते है कि वे अपने पिता के वचनों को टाल नहीं सकते। इसलिए वे उनके साथ वापस नहीं जा सकते। मंचन में राम का किरदार अनिल उर्फ चन्नी, लक्षमण का तरसेम सैनी, दशरथ का ओमप्रकाश, सीता का सुनील, भरत के पात्र में विनोद सैनी, शत्रुघ्न का अजय सैनी व खेवट का किरदार रमेश जांगड़ा ने निभाया।

अपनी संस्कृति को बचाए रखने

का अच्छा प्रयास रामलीला :

दर्शक रवि सैनी ने कहा कि जो नए कलाकार हैं उनकी प्रशंसा करनी होगी। बदलते दौर में भी ये दर्शक अपनी संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के लिए क्लब से जुड़ रहे हैं। युवा ही पुरानी रामलीला का नजारा वापस लौटा सकते हैं।

रामलीला का मंचन सराहनीय प्रयास

दर्शक प्रवीन ने बताया कलाकारों की ओर से रामलीला का मंचन करना एक सराहनीय कदम है। गली गली में होने वाली रामलीला एक मंच तक सिमट गई है। ऐसे में अपनी संस्कृति को बचाए रखने का अच्छा प्रयास है। जो कलाकारों की ओर से हर वर्ष किया जाता है।

दर्शक राजीव ने बताया कि नए कलाकारों को हौसला बढ़ाने और अपने अनुभवों को सांझा करने के लिए पुराने कलाकार भी रामलीला रिहर्सल में भाग ले रहे हैं और देखने के लिए भी आ रहे हैं। यह एक अच्छा संकेत है।


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