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प्रधानी की लड़ाई में भवन गंवा बैठे वरिष्ठ नागरिक एसो. के पदाधिकारी

जिस तरह आपस की लड़ाई में बंदर के हाथों दो बिल्लियां रोटी गंवा बैठी थी, उसी तरह वरिष्ठ नागरिकों से उनका भवन जाता रहा। भवन की प्रधानी के झगड़े में व्यक्तिगत आक्षेप पर उतरे बुजुर्गों से डीसी सुनीता वर्मा ने कार्यालय छीनने के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने नगर परिषद के ईओ विक्रम ¨सह को सीनियर सिटीजन एसोसिएशन से भवन की चाबी लेकर कब्जा लेने को कहा। वरिष्ठ नागरिकों की जूतमपैजार अब चहारदीवारी से बाहर सड़क पर आ गई है। वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य दो वरिष्ठ नागरिकों राम ¨सह और यशवीर आर्य के खिलाफ लिखित शिकायत लेकर डीसी के दरबार पहुंचे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डीसी से कहा कि दो सदस्य जो खुद को समिति का प्रधान व चीफ पैट्रन बताते हैं, ने सभी वरिष्ठ नागरिकों को बदनाम कर दिया है। नागरिक भवन का ताला तोड़कर सारे रिकार्ड को खुर्द बुर्द कर दिया था। नया ताला लगा चाबी अपने पास रख ली और अब भवन इन्हीं के कब्जे में हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 01:07 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 01:07 AM (IST)
प्रधानी की लड़ाई में भवन गंवा बैठे 
वरिष्ठ नागरिक एसो. के पदाधिकारी
प्रधानी की लड़ाई में भवन गंवा बैठे वरिष्ठ नागरिक एसो. के पदाधिकारी

जागरण संवाददाता, कैथल: जिस तरह आपस की लड़ाई में बंदर के हाथों दो बिल्लियां रोटी गंवा बैठी थी, उसी तरह वरिष्ठ नागरिकों से उनका भवन जाता रहा। भवन की प्रधानी के झगड़े में व्यक्तिगत आक्षेप पर उतरे बुजुर्गों से डीसी सुनीता वर्मा ने कार्यालय छीनने के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने नगर परिषद के ईओ विक्रम ¨सह को सीनियर सिटीजन एसोसिएशन से भवन की चाबी लेकर कब्जा लेने को कहा।

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वरिष्ठ नागरिकों की जूतमपैजार अब चहारदीवारी से बाहर सड़क पर आ गई है। वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य दो वरिष्ठ नागरिकों राम ¨सह और यशवीर आर्य के खिलाफ लिखित शिकायत लेकर डीसी के दरबार पहुंचे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डीसी से कहा कि दो सदस्य जो खुद को समिति का प्रधान व चीफ पैट्रन बताते हैं, ने सभी वरिष्ठ नागरिकों को बदनाम कर दिया है। प्रधान राम नारायल रावल ने बताया कि दोनों सदस्यों ने 18 सितंबर 2016 को वरिष्ठ नागरिक भवन का ताला तोड़कर सारे रिकार्ड को खुर्द बुर्द कर दिया था। नया ताला लगा चाबी अपने पास रख ली और अब भवन इन्हीं के कब्जे में हैं।

इससे पूर्व 26 जून 2016 को सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से मुझे समिति का प्रधान नियुक्त कर दिया था। इससे पूर्व राम ¨सह ही एसोसिएशन के प्रधान थे। चुनाव के समय ये दोनों सदस्य भी मौजूद थे, लेकिन उसके बाद इन्होंने वरिष्ठ नागरिकों में पार्टीबाजी शुरू करवा दी और अपने आप को स्वयंभू प्रधान और चीफ पैट्रन घोषित कर लिया। जबकि एसोसिएशन में चीफ पैट्रन का पद ही नहीं था।

डीसी सुनीता वर्मा ने वरिष्ठ नागरिकों की पूरी बात सुनी और एसडीएम से जांच कराने की बात कही। वरिष्ठ नागरिक नहीं माने तो डीसी ने नगर परिषद के ईओ विक्रम ¨सह को भवन की चाबी लेकर कब्जा लेने के निर्देश दे दिए।

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प्रधानी को लेकर शुरु हुआ था विवाद

एसोसिएशन में मई 2016 तक सब कुछ ठीक था। राम ¨सह संस्था के प्रधान थे। जून 2016 में सदस्यों ने प्रधान और सभी पदाधिकारी बदल दिए। यह राम ¨सह को नागवार गुजरा। उसके बाद से ना तो कभी वरिष्ठ नागरिकों में बनी और ना ही सभी वरिष्ठ नागरिक एकजुट हुए। नतीजा ये हुआ कि अब वरिष्ठ नागरिकों की तीन संस्थाएं हैं। इनमें से राम ¨सह जिस संस्था के प्रधान है, वरिष्ठ नागरिक भवन की चाबी उन्हीं के पास हैं। अन्य दो संस्थाओं के सदस्य सनातन धर्म मंदिर और गीता भवन मंदिर में अपनी बैठकें करते हैं।

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एसपी को भी दी शिकायत

यशवीर आर्य व राम ¨सह के खिलाफ संस्था के सदस्यों ने इसकी शिकायत एसपी आस्था मोदी को भी दी। उन्होंने कहा कि 19 सितंबर 2016 को भी इनके खिलाफ शिकायत दी गई थी। तब भी जांच डीएसपी को सौंपी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वरिष्ठ नागरिकों ने बताया एसपी ने जांच डीएसपी हेडक्वार्टर को सौंपते हुए तुरंत जांच करने के निर्देश दिए हैं। समिति के महासचिव रोहित शर्मा ने भी एक शिकायत एसपी को देते हुए आरोप लगाया कि यशवीर आर्य ने सोमवार को उन्हें वरिष्ठ नागरिक भवन बुलाया और विश्वास में लेते हुए उनके साथ बातचीत की। एक अन्य सदस्य जो खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का बता रहा था, उससे दबाव बनाने के लिए पूरी बातचीत की रिकार्डिंग करवा ली। इस मामले की जांच भी करवाई जाए। एसपी ने इसकी जांच सीटी एसएचओ को करने के लिए कहा है, वहीं सीटी एसएचओ ने कहा कि अब तक शिकायत नहीं मिली है।

वर्जन

डीसी के आदेश के बाद चीफ पैट्रन यशवीर आर्य को फोन कर चाबी देने के लिए कहा है। उन्होंने बुधवार तक चाबी देने की बात कही है। साथ ही उन्होंने मामले को डीसी से मिलने की बात भी कही है। चाबी आने के बाद जिन सदस्यों को बैठक के लिए भवन की जरूरत पड़ेगी वह लिखित में देकर चाबी ले जा सकेंगे। बैठक के बाद वापस चाबी नप में देनी होगी।

- विक्रम ¨सह, ईओ नगर परिषद।


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