रखरखाव न होने पर सड़कों पर नहीं दौड़ रही रोडवेज बसें
रोडवेज विभाग में अव्यवस्थाओं के कारण यात्रियों के सामने समस्याएं बनी हुई हैं। बसों की मेंटेनेंस के अभाव में 10 से 15 बसें प्रतिदिन वर्कशॉप में खड़ी रहती हैं। बसों की कमी व मेंटेनेंस नहीं होने पर प्रतिदिन बसों के किलोमीटर पर भी असर पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल
रोडवेज विभाग में अव्यवस्थाओं के कारण यात्रियों के सामने समस्याएं बनी हुई हैं। बसों की मेंटेनेंस के अभाव में 10 से 15 बसें प्रतिदिन वर्कशॉप में खड़ी रहती हैं। बसों की कमी व मेंटेनेंस नहीं होने पर प्रतिदिन बसों के किलोमीटर पर भी असर पड़ रहा है। इस कारण प्रतिदिन होने वाली आमदनी में भी विभाग को नुकसान हो रहा है। फिलहाल डिपो में 121 बसें है।
वहीं वर्कशॉप में बसों की मेंटनेंस करने वाले कर्मचारियों के 105 के करीब पद खाली है। बसों का वर्कशॉप में खड़े रहने के के कारण प्रतिदिन रूट से एक से डेढ़ हजार किलोमीटर कम हो रहा है। रोडवेज अधिकारियों के अनुसार दिसंबर में रोडवेज की बसें प्रतिदिन 40 हजार किलोमीटर का सफर तय करती थी, लेकिन पिछले दो सप्ताह से बसों के किलोमीटर में कमी आ रही है। पिछले सप्ताह बसों ने 32 हजार 94 किलोमीटर का सफर ही तय किया।
दो हजार किलोमीटर हुए कम
बसों की कमी व कुछ बसें वर्कशॉप में खड़े रहने के कारण प्रतिदिन रूट करीब दो हजार किलोमीटर कम हो रहे हैं। रोडवेज अधिकारियों के अनुसार दिसंबर में रोडवेज की बसें प्रतिदिन 40 हजार किलोमीटर का सफर तय करती थी, लेकिन पिछले दो सप्ताह से बसों के किलोमीटर में कमी आ रही है। 30 हजार के करीब ही किलोमीटर का सफर ही तय किया। वहीं आमदनी भी 10 लाख से घटकर नौ लाख रुपये तक पहुंच गई है। रूटों पर नियमित समय पर बसें नहीं चलने के कारण यात्रियों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही हैं। लोकल रूटों पर यात्रा करने वाले ग्रामीणों और विद्यार्थियों को बूथ पर लगी बस भी 15 मिनट की बजाय समय से आधा घंटा देरी से चल रही है।
बसों का इंजन ठीक करने में लग जाता है पांच दिन का समय
अगर किसी बस का इंजन खराब हो जाता है तो उसको ठीक करने के लिए पांच दिन लग जाते है। इस कारण बसें वर्कशॉप में खड़ी रहती है। इससे काफी रूट भी प्रभावित हो रहे है। हेल्पर मैकनिकों का सहारा भी लिया जा रहा है। वर्कशॉप में बसों की मरम्मत के लिए कर्मचारियों के रिक्त पदों के कारण काफी दिक्कत आ रही है।
गांव के रूटों पर बसों की कमी
विद्यार्थी संदीप ने बताया कि गांव के रूटों पर बसों की कमी है। इस कारण कॉलेज पहुंचने पर काफी समय लग जाता है। बसों की कमी को दूर करने की जरूरत है, ताकि विद्यार्थियों को कोई दिक्कत न आए।
कर्मचारियों की डिमांड भेजी है
रोडवेज विभाग के जीएम रामकुमार ने बताया कि कई रूटों को बसों की कमी के कारण बंद कर दिया गया है। वर्कशॉप के कर्मचारियों की डिमांड सरकार के पास भेजी हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही रिक्त पदों पर नियुक्तियां होंगी।