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कैथल के राइस मिलर हड़ताल पर, चीका के राइस मिलरों ने मंडी से खरीदा धान

शहर के राइस मिलरों के हड़ताल पर चले जाने से चीका के राइस मिलर मंडियों में खरीद कर रहे हैं। रविवार को 200 क्विंटल धान की खरीद की गई थी। सोमवार को भी चीका के राइस मिलरों ने धान की खरीद की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 06:00 AM (IST)
कैथल के राइस मिलर हड़ताल पर, चीका के राइस मिलरों ने मंडी से खरीदा धान
कैथल के राइस मिलर हड़ताल पर, चीका के राइस मिलरों ने मंडी से खरीदा धान

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर के राइस मिलरों के हड़ताल पर चले जाने से चीका के राइस मिलर मंडियों में खरीद कर रहे हैं। रविवार को 200 क्विंटल धान की खरीद की गई थी। सोमवार को भी चीका के राइस मिलरों ने धान की खरीद की। एफसीआइ एजेंसी के अधिकारी धान खरीदने के लिए पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ कैथल राइस मिलरों ने मार्केट कमेटी कार्यालय में जाकर रोष जताया। कहा कि नियमों को ताक पर रख कर कुछ राइस मिलर खरीद एजेंसियों व प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर धान की खरीद कर रहे हैं, ऐसा करके सरकार को चूना लगाया जा रहा है। राइस मिलर एसोसिएशन के जिला प्रधान सचिन मित्तल ने कहा कि पूरे हरियाणा में राइस मिलर हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि सरकार की तरफ से लागू की गई शर्त पांच फीसद बैंक गांरटी को वापस लिया जाए, बार्डर पर लगती मंडियों में धान बेचने पर लगाई की रोक को हटाया जाए। कैथल मंडी में जो धान की खरीद चीका के राइस मिलरों ने की है, वह धान सरकारी बारदाना में भरा गया है। किन शर्तो के तहत धान खरीदा गया है, इसकी स्थिति स्पष्ट की जाए। यह धान एमएसपी से कम पर खरीदा गया है। सरकार जब तक राइस मिलरों पर लागू नई शर्त को नहीं हटाती। तब तक राइस मिलरों की हड़ताल जारी रहेगी।

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एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि हरियाणा के सभी राइस मिलर हड़ताल पर हैं। पिछले सप्ताह वह राइस मिलरों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मिले थे। धान खरीद को लेकर जो पालिसी बनाई गई है, उसमें नई शर्त पांच फीसद बैंक गारंटी लगा दी है, जो पूरी तरह से गलत है। राइस मिलरों की मांग है कि पुरानी शर्तो पर धान खरीदने की अनुमति दी जाए। इस शर्त के लागू होने से 70 से 80 लाख रुपये का बोझ राइस मिलरों पर पड़ेगा। छोटा राइस मिलर इसे सहन नहीं कर पाएगा, इसलिए इस शर्त को हटाया जाए। मंडियों में धान का सीजन शुरू हो चुका है, किसान धान लेकर मंडियों में बैठा है, इसलिए सरकार को उनकी मांगों को पूरा करते हुए लगाई गई शर्तो को वापस लिया जाए।


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