प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए नई सर्वे टीम को सौंपी जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए नई सर्वे टीम को सौंपी जिम्मेदारी
संवाद सहयोगी, कलायत : जिला प्रशासन प्रधानमंत्री आवास योजना सर्वेक्षण कार्य में किसी प्रकार की ढील के मूड में नहीं है। काफी समय विवादों में रही सर्वे टीम को तब्दील किया गया है। नई टीम गठित कर नगर के सभी 13 वार्डाें में सर्वेक्षण कार्य पुन शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना की आड़ में गरीब तबके से ठगी करने के उजागर हुए मामले को प्रशासन ने संजीदगी से लिया। पूर्व की टीम की कार्यप्रणाली पर निरंतर उठ रहे सवालिया निशान के कारण व्यवस्था कहीं न कहीं प्रभावित रही। इस पर नगरपालिका सचिव ने सर्वेयर लगाने की मांग एडीसी से की थी। पत्र में यह उल्लेख किया गया था कि जिन कर्मियों को सर्वे का कार्य सौंपा गया है, उनके खिलाफ नगरपालिका कार्यालय को निरंतर शिकायतें मिल रही है। लिहाजा एजेंसी के सर्वेयर को बदलकर अन्य सर्वेयर कार्य पर लगाए जाए। पात्रों को पक्की छत का सुनिश्चित लाभ देने के लिए एडीसी ने इस पत्र पर संज्ञान लिया और पूर्व में लगाए गए सर्वेयरों को बदला गया। नई टीम बारीकी से हर पात्र के आवास का मौका मुआयना कर रही है। किसी प्रकार की असुविधा के लिए नगरपालिका में हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। नपा प्रशासक जगदीप ¨सह के निर्देश पर सचिव कुलदीप मलिक और कनिष्ठ अभियंता मंदीप श्योकंद के साथ-साथ दूसरे कर्मी योजना से जुड़े पहलुओं पर काम कर रहे है। बॉक्स
योजना की आड़ में डिमांड करने के मामले पर हरकत में आया प्रशासन:
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर पात्रों से पैसे ऐंठने के मामले को जिला प्रशासन के संज्ञान में जून माह में आया। इस संदर्भ में जिले के कलायत शहर में जांच के लिए विशेष योजना तय की गई। टीम के लोग तथ्यों अनुसार मामले की सिरे से पड़ताल करते हुए निष्कर्ष पर पहुंचे। उन्होंने आम आदमी से योजनाओं के नाम पर किसी प्रकार की डिमांड करने वालों की शिकायत सीधे तौर से प्रशासन से करने की अपील की। शहरी योजना अधिकारी गुरनाम ¨सह ने बताया कि जरूरत मंदों को योजना का लाभ पहुंचाने के लिए मानदंड निर्धारित किए गए है।
क्या था मामला:
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कलायत में सर्वेक्षण जारी है। अनुदान राशि दिलवाने के नाम पर 30 से 50 हजार रुपये की डिमांड आर्थिक रूप से कमजोर लोगों से की जा रही है। इस मामले में दलाल मुख्य रूप से सक्रिय बताए जा रहे है। आवेदक वादे से न मुकर पाए इसके मद्देनजर दलाल पेशगी के तौर पर 2 से 10 प्रतिशत रकम लेते हैं। गरीब तबके को चूना लगाने वाले इस कद्र तेज तर्रार बताए जाते है कि वे मुंह देखकर आवेदक की जेब ढीली करते है।