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नप का बकाया न देने वालों की अब नहीं होगी रजिस्ट्री

नगर परिषद की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। नप सुपरिटेंडेंट नरेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में छह सदस्यों की टीम का गठन किया जा चुका है जो रिकॉर्ड को ऑनलाइन करेगी। 28 जुलाई को इससे संबंधित पंचकूला में मीटिग हुई थी। शहर में करीब 65 हजार प्रॉपर्टी हैं जिसे पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 09:45 AM (IST)
नप का बकाया न देने वालों की अब नहीं होगी रजिस्ट्री
नप का बकाया न देने वालों की अब नहीं होगी रजिस्ट्री

सुनील जांगड़ा, कैथल : नगर परिषद की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। नप सुपरिटेंडेंट नरेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में छह सदस्यों की टीम का गठन किया जा चुका है, जो रिकॉर्ड को ऑनलाइन करेगी। 28 जुलाई को इससे संबंधित पंचकूला में मीटिग हुई थी। शहर में करीब 65 हजार प्रॉपर्टी हैं, जिसे पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाएगा। ऑनलाइन होने के बाद अगर किसी प्रॉपर्टी मालिक को नप का टैक्स या अन्य किसी सुविधा का कोई बकाया देना होगा तो उसकी रजिस्ट्री नहीं होगी। रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के बाद लोग पोर्टल पर ही बकाया राशि का भुगतान भी कर सकते हैं।

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नप की आमदनी बढ़ेगी

प्रॉपर्टी से संबंधित रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से नगर परिषद को आर्थिक रूप से फायदा होगा। शहर के लोगों को भी नगर परिषद के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के बाद शहरवासी घर बैठे ही अपना टैक्स जमा करवा सकते हैं। ऐसा करने से नप की आमदनी भी पहले से बढ़ जाएगी।

पहले नप की ओर से घर-घर टैक्स के बिल दिए जाते थे, लेकिन कुछ सालों से बिल देने का कार्य बंद है। ऑनलाइन रिकॉर्ड होगा तो लोगों का समय भी बचेगा और सरकारी स्कीमों की जानकारी भी घर बैठे ही मिलती रहेगी।

छूट का समय भी समाप्त

शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से साल 2020-21 के प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने पर दस प्रतिशत तक की छूट दी हुई थी। यह छूट 31 जुलाई तक थी, जिसका समय अब समाप्त हो चुका है। इसके अलावा दस साल पुराने टैक्स को जमा करवाने में ब्याज पर 25 प्रतिशत की छूट है जो 31 अगस्त तक जारी रहेगी। जब से ये योजनाएं चल रही थी नप की आमदनी भी बढ़ रही थी। अब नप को रोजाना 30 हजार 50 हजार के बीच आमदनी हो रही थी। इस योजना से पहले नप के पास रोजाना 20 हजार से 30 हजार रुपये तक ही टैक्स जमा होता था।

नप का बकाया करीब सात करोड़ टैक्स

नगर परिषद का शहर के सरकारी विभागों पर करीब पांच करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। वहीं प्राइवेट प्रॉपर्टी पर करीब दो करोड़ रुपये बकाया है। नप की ओर से कई बार संबंधित विभागों को नोटिस भी दिए गए हैं, लेकिन उसके बाद भी राशि जमा नहीं हो रही है। अब दोबारा से नप ने इन विभागों को नोटिस देने का कार्य शुरू कर दिया है।

आनलाइन किया जा रहा रिकॉर्ड

नगर परिषद सुपरिटेंडेंट नरेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रॉपर्टी से संबंधित रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने का काम किया जा रहा है। अब कोई भी रजिस्ट्री कराने से पहले नप का जो भी बकाया होगा उसे चुकाना होगा। जिन सरकारी विभागों पर टैक्स बकाया है उन्हें नोटिस दिए जा रहे हैं।


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