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50 लाख रुपये का रिफ्यूज कलेक्टर खराब, नप नहीं दे रही ध्यान

नगर परिषद का रिफ्यूज कलेक्टर करीब एक साल से खराब पड़ा है। वाहन की कीमत करीब 50 लाख रुपये है जो बिना देखभाल के कंडम हो रहा है। खराब होने के बाद दोबारा वाहन को ठीक नहीं कराया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 09:37 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 09:37 AM (IST)
50 लाख रुपये का रिफ्यूज कलेक्टर खराब, नप नहीं दे रही ध्यान
50 लाख रुपये का रिफ्यूज कलेक्टर खराब, नप नहीं दे रही ध्यान

सुनील जांगड़ा, कैथल : नगर परिषद का रिफ्यूज कलेक्टर करीब एक साल से खराब पड़ा है। वाहन की कीमत करीब 50 लाख रुपये है जो बिना देखभाल के कंडम हो रहा है। खराब होने के बाद दोबारा वाहन को ठीक नहीं कराया गया है। वाहन की खासबात यह थी कि यह अपने आप ही कचरे से भरे डस्टबिन को उठाकर खाली कर लेता था। वाहन में एक बारी में आठ टन कचरा भरा जा सकता है। वाहन से सफाई कर्मचारियों का समय और मेहनत दोनों बच जाते थे। अब सफाई कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

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वाहन सिरटा रोड स्थित वाल्मीकि सामुदायिक केंद्र में खड़ा कंडम हो रहा है। शहर से रोजाना 80 से 90 टन कचरे का उठान होता है। एजेंसी के 84 कर्मचारी कचरा उठान कार्य में लगे हुए हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली के सहारे कचरे का उठान हो रहा है।

नप के मुख्य सफाई निरीक्षक मोहन भारद्वाज ने बताया कि ऐसे वाहन पूंडरी व कलायत नगर पालिका के पास भी हैं। दोनों जगहों पर कचरा बहुत कम मात्रा में निकलता है। अगर एक वाहन नगर परिषद को मिल जाए तो सफाई कर्मचारियों को फायदा होगा और समय पर कचरे का उठान हो सकेगा।

करीब पांच लाख आएगा खर्च

वाहन एक साल से खराब पड़ा है, लेकिन खर्च ज्यादा आने के कारण नगर परिषद इसे ठीक नहीं करवा रही है। नगर परिषद में हुई हाउस की मीटिग में इस वाहन को ठीक कराने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें इसे ठीक करने पर पांच लाख रुपये का खर्च दिखाया गया था। मीटिग बेनतीजा होने के कारण यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। दो महीने पहले हुई मीटिग में दोबारा से नया वाहन खरीदने का प्रस्ताव डाला हुआ है। ऐसे में अगर नया वाहन खरीदा जाता है तो पुराना वाहन पूरी तरह से कंडम हो जाएगा। इसके अलावा करीब चार लाख रुपये कीमत का टीपर भी खराब पड़ा है। नगर परिषद की ओर से उसे भी ठीक नहीं कराया जा रहा है। यह वाहन डोर टू डोर कचरा उठाने के काम आता था।

ठीक कराने में ज्यादा खर्च आ रहा

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि खराब पड़े रिफ्यूज कलेक्टर को ठीक कराने में खर्च ज्यादा आ रहा है। कर्मचारियों ने करीब पांच लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार किया था जो ज्यादा है। नया वाहन लेने के लिए नप हाउस की मीटिग में प्रस्ताव डाला हुआ है। पुराने वाहन को ठीक कराने का भी प्रयास किया जाएगा।


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