रणदीप सुरजेवाला की होगी जींद उप चुनाव में अग्नि परीक्षा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा की सरकार में संकट मोचन की भूमिका में रहे अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं कैथल के विधायक रणदीप ¨सह सुरजेवाला अब जींद उप चुनाव में उतरे हैं। इस चुनावी दंगल में सुरजेवाला की अग्नि परीक्षा होगी। कैथल में दो बार से सुरजेवाला विधायक हैं। इससे पहले वे नरवाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे, लेकिन यह सीट रिजर्व होने के बाद सुरजेवाला ने कैथल का रूख कर लिया था।
सुरेंद्र सैनी, कैथल : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा की सरकार में संकट मोचन की भूमिका में रहे अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं कैथल के विधायक रणदीप ¨सह सुरजेवाला अब जींद उप चुनाव में उतरे हैं। इस चुनावी दंगल में सुरजेवाला की अग्नि परीक्षा होगी। कैथल में दो बार से सुरजेवाला विधायक हैं। इससे पहले वे नरवाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे, लेकिन यह सीट रिजर्व होने के बाद सुरजेवाला ने कैथल का रूख कर लिया था। कैथल सीट पर इनके पिता शमशेर ¨सह सुरजेवाला भी वर्ष 2005 में विधायक बने, लेकिन नरवाना सीट रिजर्व होने के बाद बेटे रणदीप के लिए कैथल विधानसभा सीट छोड़ दी। 2010 में रणदीप ने कैथल विधानसभा से चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की। दोबारा से हुडा सरकार में सुरजेवाला को मंत्री बनाते हुए जनस्वास्थ्य व उद्योग विभाग दिया गया।
सुरजेवाला ने मंत्री रहते हुए कैथल शहर में करोड़ों रुपये के विकास कार्य करवाए। इनमें राजकीय महाविद्यालय, बस अड्डा का नया भवन, खेल स्टेडियम, विदक्यार झील व सिविल अस्पताल मिला। शहर में करवाए गए विकास कार्यो को देखते हुए जनता ने वर्ष 2015 मोदी लहर के बावजूद सुरजेवाला को 24 हजार रिकार्ड मतों से दूसरी बार जीतवाने का काम किया। इस जीत के बाद सुरजेवाला का राजनीति कद बढ़ा। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम में सुरजेवाला को शामिल किया गया।
बाक्स- शहर की सरकार पर किया कब्जा
भाजपा सरकार होते हुए भी सुरजेवाला ने शहर की सरकार में चेयरपर्सन व वाइस चेयरपर्सन के चुनाव को लेकर हुए चुनावी दंगल में दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार को
बैठाने का काम किया। चेयरपर्सन को लेकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा प्रत्याशी बबीता मित्तल को हरा कांग्रेस प्रत्याशी सीमा कश्यप को चेयरपर्सन बनाया गया।
वहीं गुहला व पूंडरी क्षेत्र में चार साल पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक फूल ¨सह खेड़ी व पूर्व सीपीएस सुल्तान ¨सह जड़ौला को भी कांग्रेस में शामिल करवाते हुए भाजपा को झटका देने का काम किया।
जींद उपचुनाव में उतरे रणदीप ¨सह सुरजेवाला की राह आसान नहीं है। अभी हाल ही में भाजपा ने जिस तरह से पांचों नगर निगम की सीटों जीत दर्ज की है उससे भाजपा का ग्राफ बढ़ा है। पूर्व सीएम हुड्डा के गढ रोहतक में भी भाजपा ने सेंध लगाने का काम किया। ऐसे में सुरजेवाला के लिए जींद उप चुनाव में जीत दर्ज करना आसान नहीं है।
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तीन बार इनेलो को दी विस
चुनाव में पटखनी
2005, 2010 व 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में सुरजेवाला परिवार ने इनेलो को पटखनी देते हुए चुनाव जीतने का काम किया। तीनों बार इनेलो प्रत्याशी कैलाश भगत को हराया। इस बार हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राव सुरेंद्र ¨सह तीसरे नंबर पर रहा था। कांग्रेस व भाजपा एक-एक ही सीट जीतने में सफल रही। पूंडरी व कलायत विस क्षेत्र से आजाद प्रत्याशियों ने मैदान जीत लिया था। इनेलो कैथल विस क्षेत्र में खाता भी नहीं खोल पाई थी।
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सुरजेवाला के लिए सीट
बदलना रहता है शुभ :
रणदीप ¨सह सुरजेवाला के लिए सीट बदलकर दूसरी जगह से चुनाव लड़ना शुभ रहा है। नरवाना विधानसभा क्षेत्र के बाद जब कैथल विस सीट से चुनाव में उतरे तो भारी मतों से जीत दर्ज की। अब कैथल विधानसभा के बाद प्रदेश की राजनीति राजधानी कहे जाने वाले जींद क्षेत्र में उप चुनाव दंगल में उतरे हैं। जींद इनका गृह जिला है। ऐसे में इसका फायदा
भी इन्हें मिलेगा।