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खिलाड़ी निखिल शर्मा के अव्वल रहने पर किया सम्मानित

राजौंद के खिलाड़ी निखिल शर्मा ने इंडोनेशिया में आयोजित अंडर 18 की फुटबाल प्रतियोगिता में भारत की टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए टीम ने पांचवां स्थान प्राप्त किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 06:16 AM (IST)
खिलाड़ी निखिल शर्मा के  अव्वल रहने पर किया सम्मानित
खिलाड़ी निखिल शर्मा के अव्वल रहने पर किया सम्मानित

संस, राजौंद : राजौंद के खिलाड़ी निखिल शर्मा ने इंडोनेशिया में आयोजित अंडर 18 की फुटबाल प्रतियोगिता में भारत की टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए टीम ने पांचवां स्थान प्राप्त किया। निखिल शर्मा को खिलाड़ी व युवा मोटरसाइकिलों के काफिले, डीजे व ढोल की थाप पर राजौंद लेकर आए। इस दौरान राजकीय स्कूल खेल मैदान में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जहां उसका फूल मालाओं के साथ भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राज्य मंत्री कमलेश ढांडा के पुत्र तुषार ढांडा, पूर्व विधायक सतविद्र राणा व नगर पालिका चेयरपर्सन गुड्डी राणा ने शिरकत की। इस दौरान तुषार ढांडा ने बताया कि निखिल शर्मा ने भारत की टीम में खेल कर राजौंद का ही नहीं बल्कि जिले, प्रदेश के साथ-साथ देश का नाम रोशन किया है। इस दौरान पूर्व विधायक सतिदर राणा ने निखिल शर्मा को 31 हजार रुपये देकर सम्मानित किया। इस दौरान चेयरमैन गुड्डी राणा ने भी 11 हजार रुपये निखिल शर्मा को आशीवरद के रूप में दिए। इस दौरान दौरान कोच काला फुटबालर, मदन बैनीवाल, नरेंद्र शर्मा, सोमनाथ शर्मा, जयपाल आर्य, डा. होशियार आर्य, आजाद डांगी, सुशील, किरणपाल आर्य, अमन राणा, दीपक शर्मा, दुगर दास शर्मा, मनमोहन शर्मा, राजकुमार बंसल, अशोक, सोमी, विशाल सहित अन्य खिलाड़ी मौजूद थे।

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पर्यावरण प्रदूषण एवं संसाधन विषय पर एक सेमीनार आयोजित

ससं, राजौंद :राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेरधा में कक्षा नौंवीं से 12वीं के बच्चों के लिए पर्यावरण प्रदूषण एवं संसाधन विषय पर एक सेमीनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सतबीर सिंह ने बताया कि धान के अवशिष्ट जलने से जहां हमारे वातावरण में वायु इंडेक्स में वायु की शुद्धता में कमी आती है, वायु जहरीली होती है। जिससे अस्थमा व त्वचा के रोगों का बढ़ावा मिलता है। वहीं पर भूमि में किसानों के मित्र जीवाणु भी नष्ट हो जाते है। भूमि में उपजाऊ की कमी हो जाती है। जिससे फसल की पैदावार कम होती है और किसानों को कृषि घाटे का सौदा साबित होती है। इसलिए हमें चाहिए कि पराली जलाने की बजाए भूमि में ही उसको हैरो की सहायता से छोटा छोटा करके भूमि में दबा दिया जाए और गेहूं की बिजाई की जाएं। ताकि पराली गलकर एक खाद का रूप में गेहूं की पैदावार को बढ़ा सके। इस दौरान उन्होंने सभी विद्यार्थियों से आह्वान किया कि अपने परिवार, आस पड़ोस में पराली के दुष्परिणाम बारे तथा इसके उपयोग के तरीके बारे में जागरूक करे। इस दौरान प्रधानाचार्य सोम सिंह, सुरेंद्र सिंह, रणधीर सिंह, चंद्रपाल, सुरेश कुमार, ओमप्रकाश, श्याम लाल, प्रवीण कुमार सहित स्टाफ सदस्य मौजूद थे।

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