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भारतीय भाषाओं की रक्षा केवल संस्कृत भाषा के अध्ययन से ही संभव : श्रेयांश द्विवेदी

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय में मातृभाषा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. श्रेयांश द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 06:15 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 06:15 AM (IST)
भारतीय भाषाओं की रक्षा केवल संस्कृत भाषा के अध्ययन से ही संभव : श्रेयांश द्विवेदी

जागरण संवाददाता, कैथल : महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय में मातृभाषा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. श्रेयांश द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। कुलपति ने मातृभाषा की विशेषता पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा मातृभाषा को स्वीकारने पर ही संभव है। भारतीय भाषाओं की रक्षा एकमात्र संस्कृत भाषा के अध्ययन से ही संभव है। इस मौके पर विश्वविद्यालय की ओर से प्रथम सत्र की आचार्य कक्षा के (वेद, ज्योतिष, व्याकरण, दर्शन और साहित्य), शास्त्री कक्षा के (व्याकरण, दर्शन और साहित्य) और डिप्लोमा कोर्स के (ज्योतिष, कर्मकांड, योग और संस्कृत पत्रकारिता) परीक्षा परिणाम घोषित किए गए। इस अवसर विश्वविद्यालय के अधिकारी डॉ. रवि भूषण, उप-कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, डॉ. सुनील गर्ग, डॉ. जगत नारायण, परीक्षा अधीक्षक, सुभाष चंद, डॉ. उमेश गौड़, अधिवक्ता पवन सिंह चौहान, प्रो. विकास चाहर वैश्य कॉलेज रोहतक मौजूद रहे।

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