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निजी स्कूलों का फैसला, नहीं देंगे 134ए के बच्चों को दाखिला

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की जिला कार्यकारिणी की बैठक जिला प्रधान राजेश मुंजाल व चेयरमैन पवन सगवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में स्कूल संचालकों ने फैसला लिया कि इस सत्र में कोई भी प्राइवेट स्कूल 134ए के बच्चों को दाखिला नहीं देंगे। जब तक सरकार पिछले तीन वर्षों की स्कूलों की करोड़ों रुपये का बकाया राशि खातों में नहीं डाल देती यह विरोध जारी रहेगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 10:42 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 10:42 AM (IST)
निजी स्कूलों का फैसला, नहीं देंगे 134ए के बच्चों को दाखिला

जागरण संवाददाता, कैथल : प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की जिला कार्यकारिणी की बैठक जिला प्रधान राजेश मुंजाल व चेयरमैन पवन सगवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में स्कूल संचालकों ने फैसला लिया कि इस सत्र में कोई भी प्राइवेट स्कूल 134ए के बच्चों को दाखिला नहीं देंगे। जब तक सरकार पिछले तीन वर्षों की स्कूलों की करोड़ों रुपये का बकाया राशि खातों में नहीं डाल देती, यह विरोध जारी रहेगी।

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उन्होंने कहा कि अगर सरकार और शिक्षा विभाग ने अनावश्यक दबाव बनाने का प्रयास किया तो उनके पास जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करने व अनिश्चितकालीन समय के लिए स्कूल बंद करने अलावा कोई चारा नहीं होगा। राज्य सचिव वरुण जैन व पूर्व प्रधान बलिदर संधू ने कहा कि सरकार तीन वर्षों से निजी स्कूलों के साथ वादा खिलाफी करती आ रही है। नियम के तहत होने वाले दाखिलों की फीस भरपाई सरकार को करनी होती है, लेकिन भाजपा सरकार ने झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं किया।

महासचिव हरपाल आर्य व संरक्षक विजय कंसल ने कहा की इस नियम की आड़ में सरकार बिना वजह ही अभिभावकों और स्कूलों के बीच टकराव की स्थिति पैदा करके बच्चों की पढ़ाई का नुकसान करवा रही है। इस मौके पर वाइस चेयरमैन महिपाल कौशिक, संजीव शर्मा, अभिषेक शर्मा, लाभ सिंह, पवन कौल, नराता राम, श्रवन शर्मा, प्रदीप कसान, जगजीत माजरा, प्रवीण प्रजापति, लाभ सिंह लेलर, राजेश सहारण, अजय कुमार, सत्यजीत सैनी मौजूद रहे।

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गरीबों को नहीं मिल रहा हक

स्कूल संचालकों का कहना है कि आय प्रमाण पत्र प्रशासन द्वारा बिना किसी जांच के बनाए जाते हैं। आधे से ज्यादा अभिभावक ऐसे होते हैं जिनके पर सुख सुविधा का हर साधन है, लेकिन बच्चे 134ए में फ्री में पढ़ाने हैं। इसके चलते गरीब बच्चे जो वास्तव में इसके पात्र होते हैं उन्हें स्कूलों में दाखिला भी नहीं मिल पाता है। पूर्व में जमा करवाए गए आय प्रमाण पत्रों की भी जांच होनी चाहिए।


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