सरकार के आदेशों की अवहेलना कर खुले प्राइवेट स्कूल
सरकार द्वारा दो दिन पहले पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया था। इस फैसला का विरोध करते हुए निजी स्कूल संचालकों ने निजी स्कूल खोलने का निर्णय लिया। इसके बाद सोमवार को अधिकतर निजी स्कूलों ने सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए स्कूलों को खोल दिया।
जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार द्वारा दो दिन पहले पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया था। इस फैसला का विरोध करते हुए निजी स्कूल संचालकों ने निजी स्कूल खोलने का निर्णय लिया। इसके बाद सोमवार को अधिकतर निजी स्कूलों ने सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए स्कूलों को खोल दिया। स्कूलों में खुलने की स्थिति को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना था कि यदि किसी अभिभावक की ओर से कोई शिकायत आती है तो वह स्कूल के खिलाफ निदेशालय को लिखेंगे। बता दें कि अप्रैल महीने में स्कूलों में नए सत्र में दाखिलों की शुरूआत हुई है, ऐसे में सरकार ने कोरोना महामारी के बढ़ रहे मामलों के बीच पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। हालांकि नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थी स्कूलों में पहुंच सकते हैं। परंतु सोमवार को शहर के अधिकतर स्कूल खुले।
दोनों संगठनों ने अलग-अलग बैठक कर स्कूल खोलने का लिया था निर्णय :
बता दें कि सरकार के आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद करने के फैसले के बाद शुक्रवार को दोनों संगठनों ने अलग-अलग जगहों पर बैठक की थी। जिसमें दोनों की संगठनों का एक ही फैसला स्कूल बंद करने का था। इसी के विरोध स्वरूप सोमवार को शहर के अधिकतर स्कूल खुले रहे। वहीं, एक संगठन का कहना है कि स्कूलों में स्वयं अभिभावक अपने बच्चों को भेजने को राजी है तो दूसरे संगठन की तरफ से कहा गया कि निजी स्कूलों का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिलेगा।
वर्जन : मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से की जाएगी मुलाकात
सोमवार को सरकार के आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद करने के विरोध स्वरूप स्कूलों को खोला गया था। अब जल्द ही मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से मुलाकात की जाएगी। इसमें निजी स्कूल संचालकों की समस्या उनके समक्ष रखी जाएगी। इसमें बीच का रास्ता निकाला जाएगा।
- जोगेंद्र ढुल, प्रदेश उपाध्यक्ष, निजी स्कूल संघ, हरियाणा।
स्वेच्छा से बच्चों को भेज रहे अभिभावक
स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों को स्वेच्छा से भेज रहे हैं। ऐसे में सरकार ने पहली से आठवीं तक बिना वजह से स्कूल बंद करने का फरमान जारी किया है, जो गलत है। इसमें निजी स्कूल संचालक भी उनके स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों का भविष्य देख रहे हैं।
- वरुण जैन, प्रदेश महासचिव, प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा।
ऐसा नहीं है कि स्कूलों को पूरी तरह से बंद करने के आदेश हैं। केवल पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के स्कूल में न आने के सरकार ने आदेश जारी किए हैं। यदि स्कूल इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को बुला रहा है और इसकी शिकायत कोई अभिभावक शिक्षा विभाग में देगा तो इस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
- दलीप सिंह, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, कैथल।