Move to Jagran APP

100 गज के प्लाटों में रह रहे लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर

गांव फतेहपुर में खेल स्टेडियम के पास पंचायती जमीन में काटे गए 100-100 गज के प्लाटों में रह रहे लोग इन दिनों नारकीय जीवन जीने को मजबूर है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 09:36 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 09:36 AM (IST)
100 गज के प्लाटों में रह रहे लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर
100 गज के प्लाटों में रह रहे लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर

संवाद सहयोगी, पूंडरी: गांव फतेहपुर में खेल स्टेडियम के पास पंचायती जमीन में काटे गए 100-100 गज के प्लाटों में रह रहे लोग इन दिनों नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। प्रशासन की उपेक्षा के शिकार इन जरूरतमंद लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए उनकी समस्या दूर करने की गुहार लगाई है। पिछले एक सप्ताह के दौरान बारिश के पानी ने यहां काफी तबाही मचाई है, बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। स्टेडियम के पीछे स्थित ड्रेन का पानी आगे जाने की बजाय इनकी बस्ती में घुस रहा है। पानी के कारण जहां आम जनजीवन अस्त हो चुका है, वहीं कई घरों को नुकसान पहुंचा है। आलम ये है कि बस्ती के लोगों को गंदे पानी के बीच अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। वैसे तो सरकार ने इस पंचायती जमीन में कई प्लाट गरीब व जरूरतमंद लोगों को दिए थे, लेकिन इस समय 30 के करीब जरूरतमंद लोग इस बस्ती में रह रहे है।

loksabha election banner

बस्ती निवासी गुरनामो, राजेंद्र, प्रकाश, काला, पप्पू, बबलू, हरिराम, प्रवीन, सुरेंद्र, महेंद्र व राजेंद्र ने बताया कि पहले से उनकी बस्ती में जन-सुविधाओं का अभाव है, लेकिन वे बिना किसी शिकायत के अपना जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन पिछले एक सप्ताह से बारिश के पानी ने उनका जीना मुहाल किया हुआ है। उनके घरों के चारों तरफ चार से पांच फुट पानी खड़ा है और कुछ घरों के तो अंदर भी पानी घुस चुका है। गलियों में ड्रेन के गंदा पानी लगातार बह रहा है। लेकिन अभी तक उनकी कोई सुध तक नहीं लेने पहुंचा है। लोगों का कहना है कि यदि एक बारिश और आ गई तो वे पूरी तरह तबाह हो जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.