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सिटीजन फीडबैक देने में रुचि नहीं दिखा रहे लोग, 13 दिन में150 ही जुड़े

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर शहर के लोग सिटीजन फीडबैक देने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। चार जनवरी से ऑनलाइन एप से सिटीजन फीडबैक शुरू हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 09:54 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 09:54 AM (IST)
सिटीजन फीडबैक देने में रुचि नहीं दिखा  रहे लोग, 13 दिन में150 ही जुड़े
सिटीजन फीडबैक देने में रुचि नहीं दिखा रहे लोग, 13 दिन में150 ही जुड़े

जागरण संवाददाता, कैथल : स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर शहर के लोग सिटीजन फीडबैक देने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। चार जनवरी से ऑनलाइन एप से सिटीजन फीडबैक शुरू हो चुका है। 13 दिनों में शहर की करीब सवा लाख आबादी में से मात्र 150 लोगों ने ही एप से फीडबैक दिया है। फीडबैक बढ़ाने के लिए नगर परिषद की ओर से 12 सदस्यों की टीम गठित की गई है। टीम का हर सदस्य प्रतिदिन 50 लोगों के मोबाइल में स्वच्छता एप डाउनलोड कराएगा और उनसे फीडबैक लेगा।

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हर सदस्य को रोजाना की वर्किंग रिपोर्ट नगर परिषद में देनी होगी। ऑनलाइन फीडबैक के दौरान आठ सवालों के जवाब पूछे जा रहे हैं। हर सवाल के दस अंक हैं। कुछ दिन पहले केंद्रीय टीम ने शहर में सर्वेक्षण किया था और लोगों से सफाई को लेकर फीडबैक लिया। छह हजार अंकों के सर्वेक्षण में 1500 अंक स्वच्छता से संबंधित सिटीजन फीडबैक के हैं। पांच तरीकों से फीडबैक लिया जा रहा है। तीन स्वच्छता एप हैं, जिनसे फीडबैक लिया जा रहा है। केंद्रीय टीम सर्वे करके लोगों से फीडबैक ले चुकी है। फोन पर भी लोगों से स्वच्छता से संबंधित फीडबैक लिया जाएगा। 31 जनवरी तक शहर के लोग एप पर फीडबैक दे सकते हैं।

ओडीएफ प्लस को लेकर पार्षदों

से लिए जा रहे शपथ पत्र

नगर परिषद की ओर से ओडीएफ प्लस को लेकर आवेदन किया गया था। तीन दिनों तक दिल्ली से आए स्वच्छ भारत मिशन ओडीएफ प्लस ऑडिटर पुनीत यादव ने शहर में सार्वजनिक स्थानों पर बने शौचालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण का कार्य पूरा हो चुका है और अब पार्षदों से ओडीएफ प्लस को लेकर शपथ पत्र लिए जा रहे हैं। 31 में से 15 पार्षदों ने यह शपथ पत्र दे दिए हैं।

मुख्य सफाई निरीक्षक मोहन भारद्वाज ने बताया कि शपथ पत्र में पार्षदों से जानकारी ली जा रही है कि उनका वार्ड खुले में शौच मुक्त है या नहीं। वार्ड के हर घर में शौचालय बना हुआ है या नहीं। वार्ड में बने स्कूलों में शौचालय है या नहीं और उनकी रोजाना सफाई होती है या नहीं। बता दें कि अगर शहर ओडीएफ प्लस घोषित हो जाता है तो स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर परिषद को 300 अंक मिल जाएंगे।

12 सदस्यों की टीम गठित

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि सिटीजन फीडबैक बढ़ाने के लिए 12 सदस्यों की टीम गठित कर दी गई है जो लोगों के मोबाइल में स्वच्छता एप डाउनलोड करवा रही है। तीन दिन से चल रहा ओडीएफ प्लस को लेकर सर्वे भी पूरा हो चुका है।


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