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बेसहारा गोवंश बना हादसे का सबब, छिना कइ का सहारा

जिले भर में बेसहारा पशुओं की गंभीर समस्या बनी हुई है। जिला प्रशासन की ओर से इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रयास नहीं किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 06:34 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 06:34 AM (IST)
बेसहारा गोवंश बना हादसे का  सबब, छिना कइ का सहारा
बेसहारा गोवंश बना हादसे का सबब, छिना कइ का सहारा

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले भर में बेसहारा पशुओं की गंभीर समस्या बनी हुई है। जिला प्रशासन की ओर से इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रयास नहीं किया जा रहा है। हर साल करीब दो से तीन लोग जान गंवा रहे हैं तो 15 से 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं।

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शहर में करीब 700 बेसहारा पशु सड़कों पर हैं और पूरे जिले में करीब दो हजार बेसहारा पशु हैं। रात के समय पशु झुंड बनाकर सड़कों पर बैठ जाते हैं, जिससे हादसे ज्यादा हो रहे हैं। जिले भर में जो मुख्य गोशालाएं हैं उनमें पशुओं की संख्या पहले ही ज्यादा है। ऐसे में गोशाला संचालक पशु लेने से साफ इंकार कर चुके हैं। गोशालाओं में एक पशु पर प्रतिदिन 100 रुपये खर्च होते हैं। कोरोना के कारण भी गोशालाओं में बजट की कमी चल रही है।

केस नंबर एक

मंगलवार को खुराना रोड पर ऑटो के सामने बेसहारा पशु आने से हादसा हो गया और एक व्यक्ति की जान चली गई। मृतक के भाई हंसराज ने बताया कि उसका भाई 45 वर्षीय भाई सुरेश कुमार शक्ति नगर में परिवार के साथ रहता था। इस हादसे में पूरे परिवार को तोड़ दिया है। पत्नी, दो बेटे और दो बेटियों की जिम्मेदारी सुरेश पर ही थी। सुरेश मजदूरी करता था। अब परिवार की देखभाल करने वाला भी नहीं रहा है।

केस नंबर दो

सीवन में करीब दो साल पहले सांड की टक्कर से हीरालाल मिड्ढा की मौके पर ही मौत हो गई थी। वह खेत से अपने घर वापस आ रहा था, लेकिन सांड कई टक्कर मार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। मृतक के बेटे महेश ने बताया कि उनके पिता खेती के साथ दुकानदारी करते थे। उनके जाने के बाद उनका संसार ही लुट गया। अब वे दोनों भाई उमेश मिड्ढा और महेश मिड्ढा काम संभाल रहे हैं। उनकी माता सरला रानी घर का काम करती हैं।

केस नंबर तीन

करीब पांच साल पहले बाइक के आगे बेसहारा पशु के आने से नरड़ निवासी संदीप की मौत हो गई थी। मृतक तीन बहनों का इकलौता भाई था। इस हादसे ने परिवार को तोड़ कर रख दिया था। मृतक के पिता बलवंत ने बताया कि एक बेसहारा पशु ने उनका परिवार उजाड़ दिया। प्रशासन को बेसहारा पशुओं पर लगाम लगानी चाहिए।

केस नंबर चार

करीब दो साल पहले गांव पिजूपुरा के पास जींद निवासी धर्मपाल की बाइक सांड से टकरा गई थी। इस हादसे में धर्मपाल की मौके पर ही मौत हो गई थी।

ये हो चुके हैं घायल

बेसहारा गोवंश के कारण सड़क हादसों में कई लोग घायल हो चुके हैं। पिछले छह महीने में करीब दस लोग घायल हो चुके हैं। मदन शर्मा निवासी जनकपुरी कालोनी की बाइक के आगे गोवंश आने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसी तरह श्याम लाल निवासी खुराना रोड, सीनू निवासी पुराना बाइपास, नितेंद्र निवासी ऋषिनगर बेसहारा पशुओं के कारण घायल हो चुके हैं।

ये है मुख्य गोशालाओं में पशुओं की स्थिति

गोशाला अनुमानित संख्या

नंदीगोशाला कैथल, 1200

कुरुक्षेत्र गोशाला 1700

गोपाल गोशाला 3000

जींद रोड स्थित गोशाला 4000

जय राम आदर्श गोशाला पूंडरी 1500

307 मुढाढ गोशाला कलायत 3500

नंदीशाला चीका 550

श्री कृष्ण गोशाला ढांड 700

कृष्ण महादेव गोशाला राजौंद 50


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