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गेहूं की फसल की अदायगी किसानों के खाते में करने के फैसले से आढ़तियों में रोष

गेहूं के सीजन में सरकार की ओर से गेहूं की फसल की अदायगी किसानों के सीधा खाते में करने के फैसले से आढ़तियों में रोष है। किसान यूनियन ने भी सीधे तौर और शर्तों के साथ अदायगी करने का विरोध किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 09:05 AM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 09:05 AM (IST)
गेहूं की फसल की अदायगी किसानों के खाते  में करने के फैसले से आढ़तियों में रोष
गेहूं की फसल की अदायगी किसानों के खाते में करने के फैसले से आढ़तियों में रोष

संवाद सहयोगी, पाई :

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गेहूं के सीजन में सरकार की ओर से गेहूं की फसल की अदायगी किसानों के सीधा खाते में करने के फैसले से आढ़तियों में रोष है। किसान यूनियन ने भी सीधे तौर और शर्तों के साथ अदायगी करने का विरोध किया है। आढ़ती मंडी प्रधान रणधीर, रामकुमार, सत नारायण ने बताया कि सरकार अबकी बार उनकी गेहूं की फसल की अदायगी सीधे तौर पर उनके खाते में करने की तैयारी कर रही है, जो कि सरासर गलत है।

किसान आढ़तियों से एडवांस में अपनी फसल के मार्फत पैसे ले जाते रहे है और मात्र आढ़त यानी कमीशन के कारण ही आढ़ती किसानों को एडवांस पैसे देते है। यदि किसानों के खाते में सीधी फसल की अदायगी की जाती है तो इससे आढ़तियों और किसानों के बीच के संबंध खराब होगे।

किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने बताया कि इस शर्त का उनको भी बताया है, लेकिन यह शर्त लगाना भी गलत है। फसल की अदायगी आढ़ती द्वारा किसान के खाते में जाते ही किसानों द्वारा लिया कर्ज और बिजली के बकाया बिल उनके खाते में से कट जाएंगे।


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