राष्ट्रव्यापी हड़ताल का कामकाज पर रहा मिला जुला असर
ट्रेड यूनियन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का बुधवार को जिले भर के कामकाज पर खासा असर नहीं पड़ा। कर्मचारियों में फूट के चलते हड़ताल पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाई। अधिकतर विभागों में काम सामान्य रहा। इसके चलते आम जनता को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। रोडवेज कर्मचारियों की आपसी फूट के चलते ज्यादातर कर्मचारी काम पर रहे। सुबह के समय चलने वाली सभी बसें अपने निर्धारित समय पर चली।
जागरण संवाददाता, कैथल:
ट्रेड यूनियन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का बुधवार को जिले भर के कामकाज पर खासा असर नहीं पड़ा। कर्मचारियों में फूट के चलते हड़ताल पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाई। अधिकतर विभागों में काम सामान्य रहा। इसके चलते आम जनता को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। रोडवेज कर्मचारियों की आपसी फूट के चलते ज्यादातर कर्मचारी काम पर रहे। सुबह के समय चलने वाली सभी बसें अपने निर्धारित समय पर चली। वहीं दिन में निजी बस चलने से यात्रियों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
रोडवेज कर्मचारियों की फूट का असर अन्य विभाग के कर्मचारियों पर भी देखने को नहीं मिला। अन्य विभागों के गिने-चुने कर्मचारी ही हड़ताल पर रहे। रोडवेज के 16 कर्मचारी हड़ताल पर रहे, वहीं बिजली विभाग के 209 कर्मचारी हड़ताल में रहे।
किलोमीटर स्कीम के तहत बसों को हायर करने के विरोध में हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी ने चक्का जाम का एलान किया था, लेकिन हड़ताली कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण वे बसों के पहियों पर ब्रेक लगाने में सफल नहीं हो सकें।
भारी पुलिस बल तैनात
हड़ताल को देखते हुए प्रशासन की तरफ से बस अड्डा और लघु सचिवालय पर सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि जिले में व्यवस्था सुचारू बनी रही। कर्मचारियों ने न तो बसों को रोकने का प्रयास किया न किसी को जबरदस्ती हड़ताल में शामिल किया। जितने भी कर्मी हड़ताल में शामिल हुए सभी ने एकतरफ बैठ शाम पांच बजे तक धरना दिया।
जीएम रामकुमार ने भी खुद बस स्टैंड की पल पल की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बस अड्डा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। डिपो प्रधान महाबीर संधू ने अगुवाई की। राज्य महासचिव पहल सिंह तंवर ने बताया कि हड़ताल में हरियाणा तालमेल कमेटी, हरियाणा रोडवेज क्लेरिकल स्टाफ संगठन व हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन इंटक के सदस्य शामिल रहे।
जसबीर व कृष्ण गुलियाणा ने बताया कि सरकार 720 निजी बसें हायर कर उन्हें 40 रुपये प्रति किमी के हिसाब से पैसा देगी जबकि रोडवेज की बसें मात्र 20 से 22 रुपये प्रति किमी का खर्च करती है। ऐसे में सरकार रोडवेज को घाटे की ओर लेकर जाना चाहती है। यही उनका विरोध है।
धरने पर राजकुमार नेपेवाला, रामफल सिरटा, बलकार देबवन, शिशपाल, अमित, रामफल शिमला, दिलबाग खरक, सुशील ने हड़ताल में हिस्सा । सुबह से रोडवेज से आम दिनों की तरह बसें चली। यात्रियों की संख्या कुछ कम रही जिस प्रकार से वर्किंग डे पर भीड़ होती है, उसमें काफी कमी रही। रोडवेज प्रबंधन का दावा है कि उनकी 121 बसों से 90 बसें चली। एक दो बसें खराबी होने के कारण नहीं चल सकी। एक दिन में रोडवेज की बसें करीब 42 हजार किलोमीटर का सफर करती हैं।
इन विभागों के कर्मचारियों ने भी लिया हिस्सा
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से जुड़े कलायत, राजौंद, सीवन, गुहला चीका व ढांड के बिजली, जनस्वास्थ्य, सिचाई, पैक्स कर्मचारी संघ हरियाणा, सर्व अनुबंध अनुदेशक संघ हरियाणा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ, रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा, बैंक कर्मचारी संघ, श्रमिक संगठन सीटू से जुड़ी आंगनवाड़ी, आशा वर्क्स यूनियन, मिड डे मील,वन मजदूर, भवन निर्माण मजदूर व किसान सभा डाकघर से जुड़े किसान सुबह से ही जवाहर पार्क कैथल में एकत्रित हुए इसके बाद शहर में प्रदर्शन कर लघु सचिवालय में पहुंचे व डीसी सुजान सिंह के माध्यम से सीएम के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपा। रामकुमार, सीटू की शकुंतला, बैंक कर्मचारी शशि मंगला व किसान सभा के महेंद्र सिंह, सचिव शिवदत्त, सतबीर गोयत, किसान सभा के ओमप्रकाश व रिटायर्ड संघ से जयप्रकाश शास्त्री संघ के जिला प्रधान जरनैल सिंह, सचिव रामपाल शर्मा, जसवीर सिंह व ओमपाल भाल डाकघर से मीना चावला, मुख्य डाकघर से संदीप, दलबीर, पिकी, सुनीता मदान, सुभाष शर्मा, कुलदीप, राजेश तरुण भट्ट उपस्थित रहे। ओमपाल भाल ने बताया कि 20 जुलाई 2018 को मुख्यमंत्री व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बीच मांगों को लेकर बातचीत हुई थी। इस बैठक में मानी गई मांगों को अभी तक लागू नहीं किया। इससे कर्मचारियों में रोष है।