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अनाज मंडी के छप्परों के नीचे फूंस के ढेर, सड़कों पर धान

दो दिनों से बरसात के मौसम के कारण किसानों को धान को भीगने से बचाने की चिता सता रही है। बुधवार दोपहर को हुई बूंदाबांदी के बाद किसान तिरपाल ढककर धान को भीगने से बचाते नजर आए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:18 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:18 AM (IST)
अनाज मंडी के छप्परों के नीचे फूंस के ढेर, सड़कों पर धान

जागरण संवाददाता, कैथल :

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दो दिनों से बरसात के मौसम के कारण किसानों को धान को भीगने से बचाने की चिता सता रही है। बुधवार दोपहर को हुई बूंदाबांदी के बाद किसान तिरपाल ढककर धान को भीगने से बचाते नजर आए। किसानों और आढ़तियों ने कहा कि फूंस उठाने का टेंडर होने के बाद भी मंडियों से फूंस नहीं उठाया जा रहा है। यह किसान, आढ़ती, मजदूर और आसपास की आबादी के लिए परेशानी बना हुआ है।

दुकानों में उड़कर आ रहा फूंस

मंडी आढ़ती, कृष्ण कुमार, प्रदीप सिगला, राजेश, मनोहर ने बताया कि मंडियों में इस बार फूंस के ढेरों ने आढ़तियों और किसानों की नाक में दम कर रखा है। हवा चलने से फूंस उड़कर दुकानों में आ रहा है। इससे आढ़तियों, किसान और मजदूरों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। पहले सीजनों में साथ की साथ फूंस उठाया जाता था, लेकिन इस बार परेशानी आ रही है। पिछले ठेकेदार का टेंडर रद होने के बावजूद नया टेंडर जब दिया जा चुका है तो क्यों नहीं फूंस उठाया जा रहा है। आढ़तियों का कहना है कि फूंस के लगे ढेरों के कारण किसानों को धान मंडी से बाहर सड़कों पर डालना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में धान भीगने से काफी नुकसान होगा।

इसी तरह से शहर की पुरानी अनाज मंडी में तो और भी ज्यादा दिक्कत है। यहां फूंस के लगे ढेरों के कारण किसानों को धान डालने में दिक्कत आ रही है। मंडी छोटी होने के कारण जाम की स्थिति भी बनी हुई है। पुरानी अनाज मंडी प्रधान श्याम बहादुर खुरानिया ने कहा कि फूंस नहीं उठाया गया तो आढ़ती और किसान सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

ठेकेदार को दिया गया टेंडर

मार्केट कमेटी सचिव रोशन लाल ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही नए ठेकेदार को टेंडर दिया गया है। फूंस उठाने का कार्य चल रहा है। जल्द ही समस्या को दूर कर दिया जाएगा।


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