रास्ते में निजी एंबुलेंस की ऑक्सीजन खत्म होने से बच्चे की मौत
एक निजी अस्पताल में दाखिल सवा माह के बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद चिकित्सक ने पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया। परिजन 2800 रुपये में एक प्राइवेट एंबुलेंस को किराये पर लेकर पीजीआइ के रवाना हो गए लेकिन नागल के पास पहुंचते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया।
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर के एक निजी अस्पताल में दाखिल सवा माह के बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद चिकित्सक ने पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया। परिजन 2800 रुपये में एक प्राइवेट एंबुलेंस को किराये पर लेकर पीजीआइ के रवाना हो गए, लेकिन नागल के पास पहुंचते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया। जब गाड़ी में पड़ा दूसरा सिलेंडर लगाने की बात परिजनों ने चालक से कही तो उसमें पहले से ही गैस खत्म थी। ऑक्सीजन न मिलने के कारण बच्चे की मौत हो गई। परिजन बच्चे के शव को एंबुलेंस में लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां रोष जताते हुए कार्रवाई के लिए सिविल लाइन थाना में सूचना दी। यहां मौका मिलते ही चालक फरार हो गया। जब परिजनों ने एंबुलेंस के मालिक से फोन किया तो उसने कहा कि आप मूर्ख हो जो मेरी एंबुलेंस किराये पर लेकर गए। बुखार होने पर अस्पताल में दाखिल किया था बच्चा
ब्राह्म्णीवाला गांव के साहिल ने बताया कि उसकी पत्नी उषा की सवा माह पहले जिला नागरिक अस्पताल में दूसरी डिलीवरी हुई थी। पत्नी ने बेटे को जन्म दिया। पहले भी उसके पास एक बेटा है। चार-पांच दिन पहले पत्नी को बुखार होने पर मां का दूध पीने के बाद बच्चे की भी तबीयत बिगड़ने लगी। इलाज के लिए शहर के करनाल रोड पर स्थित जीवन ज्योति अस्पताल लेकर आए। दो दिन यहां इलाज चला, इसके बाद सुधार होने पर वे वापस घर ले गए, लेकिन अगले दिन फिर से तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद वे एमआइटीसी कॉलोनी के पास स्थित दिल्ली अस्पताल में ले गए, यहां से तबीयत में सुधार न होने पर चिकित्सकों ने पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया। इसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर लगी हुई एंबुलेंस को किराये पर लिया और चंडीगढ़ के लिए चल दिए। लेकिन रास्ते में ही सिलेंडर खत्म होने के कारण बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के मामा सुखविद्र, दीपक, तरसेम, पवन कुमार, कुलदीप, मुकेश, सुनील ने कहा कि एंबुलेंस चालक व मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए। प्राथमिक उपचार बॉक्स में दवाइयों की जगह मिले नट
जिस एंबुलेंस में चालक बच्चे को पीजीआइ ले जा रहा था वह कंडम हालत में थी। एंबुलेंस की खिड़की टूटी हुई थी, वहीं प्राथमिक उपचार के बॉक्स में दवाइयों की जगह नट व चाभी थी। परिजनों का आरोप है कि पूरे सफर के दौरान रस्सी से खिड़की को बांधकर सफर किया। एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने से बच्चे की मौत मामले को लेकर अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। जैसे ही कोई शिकायत आती है तो विभाग की तरफ से जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. सुरेंद्र नैन, सिविल सर्जन, कैथल।