Move to Jagran APP

कैंप में अव्यवस्था का रहा आलम जांच के लिए भटकते रहे दिव्यांग

जिला नागरिक अस्पताल में आयोजित दिव्यांग जांच शिविर में दूसरे दिन भी अव्यवस्था का आलम रहा। दिनभर दिव्यांग व उनके अभिभावक फार्म भरने के लिए भटकते रहे। जिनके फार्म भरे गए उन्हें जांच के लिए चिकित्सक नहीं मिले।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 10:56 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 10:56 PM (IST)
कैंप में अव्यवस्था का रहा आलम जांच के लिए भटकते रहे दिव्यांग
कैंप में अव्यवस्था का रहा आलम जांच के लिए भटकते रहे दिव्यांग

जागरण संवाददाता, कैथल :

loksabha election banner

जिला नागरिक अस्पताल में आयोजित दिव्यांग जांच शिविर में दूसरे दिन भी अव्यवस्था का आलम रहा। दिनभर दिव्यांग व उनके अभिभावक फार्म भरने के लिए भटकते रहे। जिनके फार्म भरे गए उन्हें जांच के लिए चिकित्सक नहीं मिले। भीषण गर्मी व उमस में परेशान लोग शिविर के आयोजकों व प्रशासन को कोसते हुए नजर आए। बृहस्पतिवार को गुहला व सीवन ब्लॉक के दिव्यांगों की जांच की गई। शुक्रवार को कलायत ब्लॉक के दिव्यांग बच्चों की जांच की जाएगी।

बॉक्स

फार्म भरवाने को लेकर

लगी रहती लंबी कतार

शिविर में फार्म भरवाने को लेकर दिव्यांगों को गोद में उठाए अभिभावक लंबी कतार में लगे रहे। सुबह नौ बजे कतारों में लगे लोगों को 11 बजे तक जांच के लिए उनकी बारी नहीं आया। फार्म भरने वाले कर्मचारियों के बीच-बीच में उठकर जाने से परेशानी और बढ़ गई।

यह देख एक सरकारी स्कूल की महिला शिक्षिका ने स्वयं ही फार्म भरने शुरू कर दिए, ताकि लोगों को कोई परेशानी न आए। जांच शिविर में बच्चों को लेकर पहुंचे अभिभावकों ने कहा कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है। भीषण गर्मी व उमस के कारण काफी परेशानी आई। फार्म भरवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। दो-तीन पंखे तो लगाए गए थे, लेकिन लोगों की भीड़ को देखते हुए पंखे ज्यादा संख्या में लगाए जाने चाहिए थे।

वहीं फार्म भरने के बाद मेडिकल के लिए भी अभिभावक दिव्यांग बच्चों को लेकर भटकते नजर आई। कई ओपीडी में चिकित्सक नहीं होने के कारण इंतजार में बैठे रहे। बॉक्स

स्कूलों में ही लगाए जाए शिविर : रीना

खरकड़ा गांव की रीना ने बताया कि सुबह आठ बजे बेटे जतिन को लेकर घर से चली थी। नौ बजे यहां पहुंच गए थे। 11 बजे तक लाइन में लगने के बावजूद मुश्किल से नंबर आया। फिर ओपीडी में चिकित्सक का इंतजार करना पड़ा। ऐसे शिविरों का आयोजन गांव में ही स्कूलों में किया जाना चाहिए, ताकि दिव्यांग बच्चों व अभिभावकों को कोई दिक्कत न आए। व्यवस्था के चलते आई दिक्कत : कविता

गोघ गांव की कविता ने बताया कि शिविर में अव्यवस्था रही। सुबह नौ बजे यहां बेटी आशू को लेकर पहुंच गई थी। दो घंटे बाद नंबर आया। भीषण गर्मी व उमस में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उनकी मांग है कि गांव में ही शिविर लगाया जाए। बॉक्स

समग्र शिक्षा अभियान के सहायक परियोजना संयोजक बलजीत ¨सह ने बताया कि दिव्यांगों के लिए आयोजित जांच शिविर में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। चिकित्सकों की कमी के चलते ओपीडी में नंबर देरी से पड़ रहा है। शिविर में अब तक तीन ब्लॉकों से पहुंचे दिव्यांगों का रजिस्ट्रेशन व जांच प्रक्रिया हो चुकी है।

--------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.