बाधाएं आगे बढ़ने वालों का रास्ता नहीं रोक सकती : मलिक
गुरुकुल तक्षशिला अहमदपुर के प्रांगण में दिव्यांग जागृति सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें 25 गांव से लगभग 100 दिव्यांग जनों ने शिरकत की। राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित भारत की प्रसिद्ध पैरालंपिक खिलाड़ी डॉ. दीपा मलिक ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।
संवाद सहयोगी, पूंडरी : गुरुकुल तक्षशिला अहमदपुर के प्रांगण में दिव्यांग जागृति सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें 25 गांव से लगभग 100 दिव्यांग जनों ने शिरकत की। राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित भारत की प्रसिद्ध पैरालंपिक खिलाड़ी डॉ. दीपा मलिक ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। अध्यक्षता गुरुकुल तक्षशिला के प्रधान ऋषिपाल गहलोत ने की। गुरुकुल में पहुंचने पर गुरुकुल के बैंड व पुष्प वर्षा द्वारा मुख्यातिथि व उनकी बेटी देविका मलिक का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ हवन से किया गया।
कार्यक्रम में दीपा मलिक ने कहा कि जीवन की विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए जो भी तैयार रहता है, वही एक अच्छा खिलाड़ी, विद्यार्थी और अच्छा इंसान बन सकता है। खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले और अपने अंदर खुद को साबित करने का जज्बा पैदा करें। उन्होंने कहा कि बाधाएं आगे बढ़ने वालों का रास्ता नहीं रोक सकती। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी लगन और मेहनत से काम करना चाहिए। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य गांवों के दिव्यांग व्यक्तियों से मुलाकात करके रेडक्रॉस और सामाजिक कल्याण विभाग के माध्यम से सहायता उपलब्ध करवाना था। दिव्यांगों के हित के लिए सरकारी योजना के बारे में जागृत किया गया। उन्हें सही इलाज और उपकरणों के बारे में अवगत कराया गया साथ ही दिव्यांगों के प्रति नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलने पर बल दिया गया।
दिव्यांगों ने नृत्य और गायन में दिखाई प्रतिभा
डॉ. बलबीर दलाल तथा कुलदीप शर्मा ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। दिव्यांगों ने नृत्य व गायन करके अपनी प्रतिभा दिखाई तथा फरीदाबाद से आई टीम मानव रचना विश्वविद्यालय ने नुक्कड़ नाटिका का मंचन किया। कार्यक्रम के दौरान गुरुकुल के प्राचार्य डॉ. संत कौशिक, सविता गहलोत, कृष्ण पाल आर्य, रामपाल आर्य, दलबीर सिंह, राम मेहर, पवन कौल मौजूद थे।