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अब गुरु जी का कम हुआ वर्क लोड, सप्ताह में पढ़ाने होंगे 36 पीरियड

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छह से आठवीं तक की कक्षा को पढ़ाने वाले अध्यापकों के पढ़ाई का वर्क लोड कम कर दिया है। इसके बाद अब शिक्षकों को एक दिन में केवल 36 पीरियड में ही विषयों को पढ़ाना होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 08:09 AM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 08:09 AM (IST)
अब गुरु जी का कम हुआ वर्क लोड, सप्ताह में पढ़ाने होंगे 36 पीरियड
अब गुरु जी का कम हुआ वर्क लोड, सप्ताह में पढ़ाने होंगे 36 पीरियड

कमल बहल, कैथल : शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छह से आठवीं तक की कक्षा को पढ़ाने वाले अध्यापकों के पढ़ाई का वर्क लोड कम कर दिया है। इसके बाद अब शिक्षकों को एक दिन में केवल 36 पीरियड में ही विषयों को पढ़ाना होगा। इससे पहले हाल ही में सरकार ने शिक्षा विभाग को आदेश जारी कर एक कक्षा में 35 विद्यार्थियों की संख्या पूरी होने के बाद सेक्शन बनाने का निर्णय लिया था। यदि एक कक्षा में 35 विद्यार्थियों से अधिक संख्या होते ही नया सेक्शन बनाना होगा। यह फैसला मौलिक शिक्षा विभाग की तरफ से केवल छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए लिया गया है। अब इस फैसले के बाद सरकार ने गुरु जी को भी राहत देते हुए उनके पीरियड को भी कम कर वर्क लोड घटाया है।

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फैसले के बाद अब टीजीटी और सीएनवी अध्यापकों को एक सप्ताह में स्कूलों में 44 पीरियड की बजाय 36 पीरियड में ही पढ़ाना होगा। इसी प्रकार से इएसएचएम मिडिल हेड को अपने विषयों में 24 पीरियड ही लेने होंगे जो कि पहले 30 थे। घंटो के हिसाब से भी जहां पहले 30 घंटे बनते थे, अब वह घटकर 26 हो गए हैं। एक सप्ताह में अध्यापकों के चार घंटे घटाए गए हैं।

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यह है पीरियड का शेड्यूल :

स्कूलों में विषयों के अनुसार एक पीरियड लेने का समय 40 मिनट हैं। इसमें हिदी, अंग्रेजी और गणित में छह पीरियड लिए जाते थे। इसे अब घटाकर पांच कर दिया गया है। इसी प्रकार से विज्ञान, संस्कृत, ड्राइंग, सामाजिक विज्ञान, होम साइंस, म्यूजिक सहित अन्य विषयों के पांच से बढ़ाकर छह पीरियड कर दिए गए हैं। जबकि इसी प्रकार से यदि किसी स्कूल में एक अध्यापक को एक सप्ताह में 36 की बजाय 41 पीरियड लेने होंगे तो तुरंत वहां पर एक और सरप्लस अध्यापक को नियुक्त किया जाएगा। ऐसे में विभाग ने अब मौलिक शिक्षा के अध्यापकों को काफी राहत दी है।

वर्जन: शिक्षा में होगा सुधार

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बताया कि अध्यापकों के विषयों के अनुसार पीरियड कम किए गए हैं। इसका नुकसान न होकर फायदा भी हैं। यदि किसी भी स्कूल में अध्यापकों की कमी रहती है तो सरप्लस अध्यापक दिए जाएंगे, जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा में काफी सुधार होगा।

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