गांव का पानी कितना शुद्ध है, इसकी जांच अब ग्रामीण खुद ही कर सकेंगे : दीपक कुमार
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वासो के जिला सलाहकार दीपक कुमार ने अपने कार्यालय में ब्लाक रिसोर्स कोआर्डिनेटर की फील्ड टेस्टिग कीट को लेकर समीक्षा बैठक ली।
जागरण संवाददाता, कैथल : जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वासो के जिला सलाहकार दीपक कुमार ने अपने कार्यालय में ब्लाक रिसोर्स कोआर्डिनेटर की फील्ड टेस्टिग कीट को लेकर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बताया कि पानी की गुणवत्ता को जांचने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने 7500 फील्ड टेस्टिग कीट मंगवाई गई थी। इनमें से 748 फील्ड टेस्टिग कीट आम लोगों को बांट दी गई है। इसमें पानी डालकर रखने के बाद 30 से 35 डिग्री तापमान पर 12 से 24 घंटे में पानी की गुणवत्ता का प्रमाण मिल जाएगा। किट में डालने के बाद पानी काला हो गया तो वह पीने योग्य नहीं है। ऐसे गांव में पानी की शुद्धता को लेकर विभाग की ओर से समाधान के प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि जिले में 277 ग्राम पंचायतें हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में पानी की शुद्धता जांच करने के लिए 18 कीट बांटी जाएंगी, ताकि ग्रामवासी अपने यहां जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा दी जा रही पानी की सप्लाई की जांच कर सकें। वर्ष 2022-23 का 7079 फील्ड टेस्टिग कीट बांटने का लक्ष्य रखा गया है। खंड कैथल में 1680 फील्ड टेस्टिग कीट, खंड गुहला में 1790, खंड सीवन में 1190, खंड कलायत में 785, खंड ढांड में 730, खंड पूंडरी में 675 व खंड राजौंद में 650 फील्ड टेस्टिग कीट बाटी जाएंगी, ताकि लोगों को पानी की गुणवत्ता को लेकर जागरूक किया जा सके।
उन्होंने बताया कि किट में पानी डालकर उसे अच्छी तरह हिलाएं और 12 से 24 घंटे के लिए रख दें। पानी का रंग हल्का भूरा रहा तो पानी पीने योग्य है। अगर पानी का रंग काला हो जाता है तो वह पानी पीने योग्य नहीं है। पानी जांच का आसान तरीका होने के कारण कोई भी व्यक्ति इस किट का प्रयोग कर सकता है। ग्रामीणों को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग द्वारा सप्लाई किए जा रहे पानी की जांच के लिए ही किट बांटी जाएगी। इस मौके पर बीआरसी रघबीर सिंह, साहिब सिंह, विष्णु शर्मा, संदीप कुमार, चंद्रशेखर व बलकार सिंह मौजूद रहे।