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बिना जांच के ही थमाया 14 हजार की बिजली चोरी का नोटिस

गांव नंद सिंह वाला ग्राम पंचायत के सरपंच को बिजली निगम ने 14 हजार 740 रुपये का बिजली चोरी का नोटिस थमा दिया। इसमें चार हजार रुपये पुलिस का खर्च भी शामिल किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 09:06 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 09:06 AM (IST)
बिना जांच के ही थमाया 14 हजार की बिजली चोरी का नोटिस
बिना जांच के ही थमाया 14 हजार की बिजली चोरी का नोटिस

जागरण संवाददाता, कैथल : गांव नंद सिंह वाला ग्राम पंचायत के सरपंच को बिजली निगम ने 14 हजार 740 रुपये का बिजली चोरी का नोटिस थमा दिया। इसमें चार हजार रुपये पुलिस का खर्च भी शामिल किया गया है। सरपंच सुरजीत सैनी का आरोप है कि ये रेड फर्जी है। गांव में 19 मार्च को बिजली निगम का कोई भी कर्मचारी रेड करने के लिए नहीं गया था। उन्होंने जब कर्मचारियों से चोरी के सुबूत मांगे तो वीडियोग्राफी जैसे कोई सुबूत भी नहीं दिखाए गए। उन्होंने चोरी की टीम में शामिल लाइनमैन गोविद को फोन किया तो उन्होंने स्वीकार किया वे लोग गांव में नहीं गए थे। इसकी रिकॉडिग भी उनके पास हैं। उन्होंने कहा कि गांव में पंचायत न तो किसी भी तरह की चोरी की बिजली इस्तेमाल करती है। गांव में जो भी ट्यूबवेल व लाइटों के कनेक्शन थे पंचायत ने कटवा दिए थे। जिसकी सूचना उन्होंने बिजली निगम को भी दी थी। अगर कोई व्यक्ति फिर भी चोरी करता है तो इसके लिए पंचायत कैसे जिम्मेदार है। जो व्यक्ति चोरी कर रहा है निगम उसको नोटिस थमाए। एसडीओ ने कहा नीचे दबा दें फाइल में नोटिस

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सरपंच का कहना है कि जब उन्होंने एसडीओ से बात की तो एसडीओ ने कहा कि इसको फाइल में सबसे नीचे लगा दें और भूल जाएं। सरपंच का कहना है कि न तो चोरी हुई और न ही कोई रेड की गई है तो वे चुप क्यों रहें। शिकायत सुनने से किया इन्कार

सरपंच ग्रामीणों के साथ फर्जी रेड की शिकायत लेकर एसई के पास पहुंचे, लेकिन उन्होंने शिकायत सुनने से ही इंकार कर दिया। एसई का कहना है कि चोरी के केस में उनके पास कार्रवाई के लिए कोई पावर नहीं है। अगर इसमें कुछ ठीक नहीं है तो वे इसके खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं। चोरी पकड़ी गई है पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई है। सरपंच लड़ाई झगड़ा करने के उद्देश्य से आए थे। पूरे जिले के सरपंचों को ये नोटिस दिया गया है कि अगर किसी भी सरकारी सबसर्मिबल पर चोरी पकड़ी गई तो उसकी जिम्मेदारी पंचायत होगी। उन्होंने सरपंच को विकल्प भी दिया था कि अगर वे शपथ पत्र ग्राम पंचायत की तरफ से देंगे तो संबंधित व्यक्ति का नाम ही नोटिस जारी किया जाएगा न की पंचायत को।

- मनोज कुमार, एसडीओ, सब अर्बन क्षेत्र कैथल।


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